Page Loader
कोरोना वायरस: चीन से खरीदे गए मास्क वापस लौटा रहे हैं कई देश, जानिए क्यों

कोरोना वायरस: चीन से खरीदे गए मास्क वापस लौटा रहे हैं कई देश, जानिए क्यों

Apr 09, 2020
03:24 pm

क्या है खबर?

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच बचाव के लिए सबसे आवश्यक मास्क की बढ़ती मांग के कारण पूरी दुनिया में इनकी कमी आती जा रही है। इसी बीच कई देशों ने चीन से काफी महंगे दामों पर मास्क खरीदें हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता खराब निकलने से खरीददार देशों को की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। ऐसे में अब ये देश न केवल मास्क वापस लौटा रहे हैं, बल्कि उस पर धोखाधड़ी का भी आरोप लगा रहे हैं।

फिनलैंड

फिनलैंड द्वारा चीन से खरीदे गए 20 लाख मास्क निकले गुणवत्ता में कमजोर

मास्क की कमी और कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए फिनलैंड सरकार ने आनन-फानन में चीन से 20 लाख सर्जिकल मास्क और 2.3 लाख रेस्पिरेटर मास्क खरीदे थे। इनकी पहली खेप गत मंगलवार को फिनलैंड पहुंच गई थी, लेकिन जांच में वह गुणवत्ता में बेहतर कमजोर पाए गए। इससे फिनलैंड सरकार को देश के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए जो उम्मीद बंधी थी, वह टूट गई। इसके अलावा उसके भरोसे को भी ठेस पहुंची है।

बयान

फिनलैंड की स्वास्थ्य मंत्री ने खराब गुणवत्ता को लेकर दिया यह बयान

फिनलैंड की स्वास्थ्य मंत्री एनो-का इसा पेकोनेन ने मास्कों की पहली खेप पहुंचने के बाद टि्वट के जरिए खुशी जताई थी, लेकिन जांच में ये मास्क गुणवत्ता में कमजोर निकले। इसके बाद उन्होंने कहा कि जांच में सभी मास्कों की गुणवत्ता कमजोर मिली है। ऐसे में डॉक्‍टर, नर्स और दूसरे स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी उपचार के लिए इनका उपयोग नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब इन मास्कों रिहाइशी इलाकों में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा।

जानकारी

फिनलैंड को प्रतिदिन 50 हजार मास्कों की जरूरत

बता दें कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण फिलनैंड को पांच लाख सर्जिकल मास्क सहित प्रतिदिन 50 हजार रेस्पिरेटर मास्क की जरूरत है। ऐसे में अब सरकार ने घरेलू कंपनियों की मदद से दो लाख मास्क बनाने की योजना तैयार की है।

स्पेन-नीदरलैंड

स्पने और नीदलैंड ने वापस भेजे मास्क

बता दें कि स्पेन ने चीन से 3.40 लाख जांच किट खरीदी थीं। इनमें से करीब 60,000 जांच किट सही तरह से परीक्षण नहीं कर पाई। इसके अलावा स्पेन की ओर से लाखों की संख्या में सर्जिकल मास्क भी खरीदें थे, लेकिन उनकी गुणवत्ता खराब होने के बाद उन्हें वापस भेजा गया। इसी तरह नीदरलैंड ने भी चीन से मंगवाए छह लाख मास्क गुणवत्ता में खराब निकलने के बाद वापस भेज दिए। डॉक्टर्स इनका उपयोग नहीं कर पा रहे थे।

जानकारी

चीन पर लगाए थे कमजोर गुणवत्ता के मास्क भेजने के आरोप

नीदरलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मास्कों की कमजोर गुणवत्ता को लेकर दावा किया था कि चीन की मास्क बनाने वाली कंपनी के पास बेहतर गुणवत्ता का प्रमाण पत्र होने के बाद भी मास्क सही नहीं निकले और उनके फिल्टर बेहतर काम नहीं कर रहे थे।

टर्की और ऑस्ट्रेलिया

टर्की और ऑस्ट्रेलिया ने भी वापस भेजे मास्क

इसी तरह टर्की और ऑस्ट्रेलिया सरकार ने भी चीन से मास्क और अन्य सर्जिकल उपकरण मंगवाए थे। इनमें से अधिकतर की गुणवत्ता कमजोर होने के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया। टर्की सरकार ने दावा किया कि चीन से मंगवाई गई कुछ जांच किट के परिणाम सही नहीं थे। हालांकि 3.50 लाख जांच किट ने सही काम किया था। इसी तरह ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने मास्कों की गुणवत्ता में कमी होने की शिकायत की थीं।

सफाई

मास्क की वापस किए जाने के बाद चीन ने दी यह सफाई

विभिन्न देशों की ओर से खरीदे गए माल को वापस दिए जाने के बाद चीनी सरकार ने भी अपनी सफाई दी है। सरकार ने कहा कि खरीददाद देशों में खरीद से पहले उनकी दोहरी जांच नहीं की। इसके अलावा चीन के विदेश मंत्रालय ने इस सप्ताह के शुरुआत में ट्वीट कर कहा था कि माल भेजने से पहले चीनी निर्माताओं ने उनके गैर-सर्जिकल मास्क होने की जानकारी दी थीं। ऐसे में उनके सर्जिकल मास्क होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

सुझाव

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सरकारों को दिया है यह सुझाव

बता दें कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) और दूसरे देशों की सरकारों द्वारा लगातार ये बात कही जा रही है कि कोरोना के उपचार में लगे चिकित्सक और अन्य चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए उनके द्वारा N-95 मास्‍क का ही इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए। साधारण मास्क के उपयोग से उनके संक्रमित होने का खतरा अधिकर बढ़ जाता है। WHO ने अस्‍पतालों के बाहर काम कर रहे स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों के साधारण मास्क या कपड़े का उपयोग करने की सलाह दी है।