हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के लिए अमेरिका ने किया भारत का धन्यवाद, ट्रंप बोले- यह मदद कभी नहीं भूलेंगे
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच उपचार में प्रभावी काम कर रही मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (HCQ) की दुनियाभर में मांग बढ़ गई है।
अमेरिका ने भी इस दवा की मांग की थी और बुधवार को भारत की ओर से इसके निर्यात की मंजूरी देने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीयों की जमकर तारीफ की है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के इस सहयोग को कभी नहीं भूलेगा।
बयान
राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट कर की प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ
दवा के निर्यात की मंजूरी पर मुहर लगने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने देर रात ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी और भारतवासियों की तारीफ की।
उन्होंने लिखा, 'असाधारण परिस्थितियों में ही दोस्तों के बीच घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता होती है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन पर निर्णय लेने के लिए भारत और भारतीय लोगों को धन्यवाद। हम इसे भूलेंगे नहीं! इस लड़ाई में न केवल भारत बल्कि मानवता की मदद करने में अपना मजबूत नेतृत्व प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया।'
जानकारी
भारत ने भेजी 29 मिलियन डोज की पहली खेप
बता दें कि भारत की ओर से गुजरात के तीन कारखानों से HCQ की 29 मिलियन डोज की पहले खेप बुधवार को अमेरिका के लिए रवाना कर दी गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक चैनल से बात करते हुए इसकी पुष्टि की है।
चेतावनी
ट्रंप ने पहले दी चेतावनी और फिर की तारीफ
इससे पहले मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि अगर भारत HCQ के निर्यात की मंजूरी नहीं देता है तो कोई बात नहीं, लेकिन वह भी इस पर जवाबी कार्रवाई करेंगे।
इस पर भारत ने कहा था कि एक जिम्मेदार देश होने के नाते जितना हो सकेगा, उतनी मदद करेंगे।
इसके बाद भारत ने जैसे ही दवा के आंशिक निर्यात की मंजूरी दी, वैसे ही ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी तारीफ करते हुए उन्हें महान नेता बताया था।
ब्राजील
ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो ने भी भारत को दिया धन्यवाद
अमेरिका के साथ ब्राजील को भी कोरोना से मुकाबले के लिए भारत से HCQ की मांग की थीं। इस पर भारत ने अमेरिका के साथ उसे भी दवा के लिए कच्चा माल देने की मंजूरी दे दी है।
इसको लेकर ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने बुधवार को कोरोना महामारी के बाद पांचवीं बार देश के नाम किए गए संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेकर उनकी जमकर तारीफ की। इसके अलावा सहयोग के लिए पूरे देश का धन्यवाद दिया।
बयान
बोलसोनारो ने मदद को बताया प्रधानमंत्री मोदी से हुई सीधी बात का नतीजा
देश के नाम संबोधन में राष्ट्रपति बोलसोनारों ने कहा, "भारत के प्रधानमंत्री के साथ मेरी सीधी वार्ता का नतीजा है कि हमें शनिवार तक मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को तैयार करने के लिए कच्चा सामान मिल सकेगा ताकि हम कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर सकें। इसके अलावा मलेरिया, ल्यूपुस और अर्थराइटिस के मरीजों का इलाज भी किया जा सकेगा।"
इससे पहले उन्होंने एक पत्र में इस दवा की तुलना 'संजीवनी बूटी' से की थीं।
महत्वपूर्ण
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन क्यो हैं इतनी महत्वपूर्ण?
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दशकों से मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल की जा रही है। भारत इसका सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
अभी तक इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि यह दवा कोरोना वायरस के इलाज में कारगर है, लेकिन फिर भी भारत समेत कई देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस वजह से इसकी मांग एकाएक बढ़ गई। डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इस दवा को 'गेम चेंजर' करार दे चुके हैं।
प्रतिबंध
भारत ने लगाया था प्रतिबंध
दुनियाभर में मांग बढ़ने के बीच भारत ने पिछले महीने इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी।
भारत ने कहा कि अपने लिए पर्याप्त स्टॉक करने के बाद इसे बाहर भेजने पर विचार कर सकता है।
इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप ने निर्यात से रोक न हटाने की सूरत में 'जवाबी कार्रवाई' की बात कही।
दूसरी तरफ भारत ने अपने पड़ोसी देशों और कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित देशों में दवा के निर्यात को मंजूरी दे दी।
कोरोना वायरस
अमेरिका और ब्राजील में यह है कोरोना संक्रमण की हालत
बता दें कि इस समय अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा जूझ रहा हैं। वहां अब तक 4.35 लाख लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है।
इसी तरह 14,797 लोगों की मौत हो चुकी है और 22,891 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।
वहीं ब्राजील में अब तक 16,188 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके अलावा वहां इस वायरस से 820 लोगों की मौत हो गई।
सबसे ज्यादा मौत इटली में 17,669 लोगों की हुई हैं।
जानकारी
यह है भारत की स्थिति
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में सामने आए 540 नए मामलों के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या 5,734 हो गई है। करीब 5,095 लोगों का इलाज चल रहा है और 473 ठीक हो चुके हैं, जबकि मरने वालों की संख्या 166 है।