सिगरेट बनाने वाली कंपनी ने तैयार की कोरोना वायरस की वैक्सीन, इंसानी ट्रायल बाकी
दुनिया की शीर्ष तंबाकू कंपनियों में से एक ने कहा है कि उसने कोरोना वायरस (COVID-19) की वैक्सीन तैयार कर ली है और अब इसके इंसानी ट्रायल होंगे। लंदन स्थित ब्रिटिश अमेरिकन टॉबेको (BAT) ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि उसकी प्रयोगात्मक वैक्सीन ने लैब टेस्टिंग में सकारात्मक नतीजे दिए हैं और अब यह इंसानी ट्रायल के लिए तैयार है। बता दें कि दुनियाभर में इस महामारी की वैक्सीन तैयार करने की कोशिशें जारी हैं।
सिगरेट पीने वालों के लिए ज्यादा घातक है कोरोना वायरस
BAT सिगरेट बनाने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। यह बात किसी से छिपी नहीं है फेफड़ों के कैंसर के पीछे सिगरेट का मुख्य हाथ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी कह चुका है कि अगर सिगरेट पीने वाले कोरोना वायरस से संक्रमित होते हैं तो उनकी हालत नहीं पीने वालों की तुलना में गंभीर हो सकती है। कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि यह वैक्सीन इंसानी ट्रायल के पहले चरण में प्रवेश के लिए तैयार है।
मजूरी मिलते ही जून के अंत तक शुरू हो सकते हैं ट्रायल
कंपनी ने बयान जारी कर कहा, "हमने वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल्स के लिए फंड निर्धारित किया है। स्वास्थ्य एजेंसियों से अनुमति मिलने के बाद जून की शुरुआत या आखिर तक इसके ट्रायल शुरू हो सकते हैं।" कंपनी ने बताया कि वह अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) और दुनिया की दूसरी सरकारी एजेंसियों के संपर्क में है। हालांकि, इस वैक्सीन का 11 मई को आई WHO की संभावित वैक्सीन की सूची में कहीं नाम नहीं था।
ऐसे काम करती है यह वैक्सीन
BAT ने कहा कि उसकी प्रयोगात्मक वैक्सीन कोरोना वायरस के एक कृत्रिम टुकड़े पर आधारित है, जिसे 'एंटीजन' कहा जाता है। इसे प्रजनन के लिए तंबाकू के पौधों में डाला जाता है। पौधों को काटने के बाद एंटीजन को शुद्ध कर लिया जाता है। जब यह एंटीजन, जो कोरोना वायरस का टुकड़ा है, इंसानी शरीर में जाएगा तब इंसान का इम्युन सिस्टम उसके प्रति एंटी-बॉडी तैयार कर लेगा। अब इसका इंसानी ट्रायल होना बाकी है।
लैब टेस्ट में वैक्सीन ने दिए ऐसे नतीजे
BAT ने बयान में कहा लैब ट्रायल के दौरान वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत सुरक्षा प्रतिक्रिया पैदा करने में सफल रही। अब यह इंसानी ट्रायल के पहले चरण में जाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
कैसे काम करती है कोई वैक्सीन?
वैक्सीन के जरिये हमारे इम्युन सिस्टम में कुछ मॉलिक्यूल्स, जिन्हें वायरस का एंटीजंस भी कहा जाता है, भेजे जाते हैं। आमतौर पर ये एंटीजंस कमजोर या निष्क्रिय रूप में होते हैं ताकि हमें बीमार न कर सकें, लेकिन हमारा शरीर इन्हें गैरजरूरी समझकर एंटीबॉडीज बनानी शुरू कर देता है ताकि उनसे हमारी रक्षा कर सके। आगे चलकर अगर हम उस वायरस से संक्रमित होते हैं तो एंटीबॉडीज वायरस को मार देती हैं और हम बीमार होने से बच जाते हैं।