
उत्तर प्रदेशः व्हाट्सऐप पर फैली अफवाह के कारण बच्चों का टीकाकरण नहीं करवा रहे सैंकड़ों मदरसे
क्या है खबर?
सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहें लगातार बड़ी मुश्किलें बनती जा रही हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में व्हाट्सऐप पर फैली अफवाह के कारण सैंकड़ों मदरसों ने अपने छात्रों का मिजल्स (खसरा) टीकाकरण करवाने से मना कर दिया।
अकेले मेरठ में 70 से ज्यादा मदरसों ने इस अफवाह के कारण टीकाकरण करने के लिए गए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को वापस भेज दिया।
आइये जानते हैं क्या है यह पूरा मामला।
अफवाह
व्हाट्सऐप मैसेज से फैल रही अफवाह
मेरठ के जिला टीकाकरण अधिकारी विकास चौधरी ने बताया कि यह व्हाट्सऐप पर फैली अफवाह के कारण हो रहा है। व्हाट्सऐप पर आ रहे मैसेज में लिखा है कि टीकाकरण करवाने से बच्चे नंपुसक हो जाएंगे।
सहारनपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि कुछ मदरसे टीकाकरण वाले दिन छुट्टी कर देते हैं। हम जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को बताएंगे कि टीकाकरण पूरी तरह सुरक्षित है।
बिजनौर और मुरादाबाद में भी मदरसों ने टीकाकरण अभियान का विरोध किया है।
जानकारी
जानलेवा है खसरा
बता दें, पिछले कुछ समय से इस इलाके में खसरे की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। ये बीमारियां संक्रमण से फैलती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में खसरे की वजह से लगभग 49,000 बच्चों की मौत हो गई थी।
मदद
विभाग ले रहा है मौलवियों की मदद
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अब इस मामले में मौलवियों की मदद लेनी शुरू की है।
मेरठ शहर काजी जैनुस साजिद्दीन ने सभी मदरसों से स्वास्थ्य विभागों की टीमों को उनके कैंपस में आने से नहीं रोकने को कहा है।
उन्होंने मदरसों से कहा है कि इस टीके की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया के डॉक्टरों ने जांच की है और इसमें कोई परेशानी नहीं है।
सहारनपुर, बिजनौर आदि जगहों पर भी ऐसी कोशिशें की जा रही हैं।