कौन हैं विक्रम मिसरी, जो देश के अगले विदेश सचिव बनने जा रहे हैं?
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने देश के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (डिप्टी NSA) विक्रम मिसरी को अगला विदेश सचिव नियुक्त किया है। वह मौजूदा विदेश सचिव विनय क्वात्रा का स्थान लेंगे, जिन्हें मार्च में 6 महीने का सेवा विस्तार दिया गया था।
केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि विक्रम 15 जुलाई को पदभार संभालेंगे।
बता दें कि विक्रम साल 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी हैं।
परिचय
कौन हैं विक्रम मिसरी?
मिसरी का जन्म 7 नवंबर, 1964 को श्रीनगर में हुआ था। उन्होंने ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में पढ़ाई के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के हिंदू कॉलेज से स्नातक किया है। उन्होंने जमशेदपुर से MBA की पढ़ाई भी की है।
विदेश सेवा में आने से पहले वे कुछ साल तक विज्ञापन क्षेत्र में भी काम कर चुके हैं। उनकी शादी डॉली मिसरी से हुई है और वे 2 बच्चों के पिता हैं।
प्रधानमंत्री
3 प्रधानमंत्रियों के साथ कर चुके हैं काम
मिसरी के पास 3-3 प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का अनुभव है। वे पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम कर चुके हैं।
मिसरी अक्टूबर, 2012 से मई, 2014 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निजी सचिव रहे। मई से जुलाई, 2014 तक वे प्रधानमंत्री मोदी के निजी सचिव रहे और अप्रैल, 1997 से मार्च, 1998 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री गुजराल के निजी सचिव रहे।
चीन
चीनी मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं मिसरी
मिसरी के चीनी मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। वे 2019 से 2021 तक चीन में भारत के राजदूत रहे हैं।
इसी दौरान गलवान घाटी झड़प के चलते चीन-भारत के रिश्ते तनावपूर्ण रहे। इन्हें सामान्य करने में मिसरी की अहम भूमिका मानी जाती है। इस संबंध में हुई बातचीत में मिसरी खुद शामिल रहे।
मिसरी के कार्यकाल के दौरान ही नवंबर, 2019 में महाबलीपुरम में भारत और चीन के बीच दूसरा शिखर सम्मेलन हुआ था।
सफर
अब तक कैसा रहा मिसरी का सफर?
मिसरी एशिया, अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में कई भारतीय मिशनों में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं।
अगस्त, 2000 से सितंबर, 2003 के बीच वे इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में पहले सचिव थे। इसके बाद अक्टूबर, 2006 तक वे वाशिंगटन डीसी में भारती दूतावास में राजनीतिक सलाहकार रहे।
सितंबर, 2008 से फरवरी, 2012 तक वे श्रीलंका में भारत के उप उच्चायुक्त और म्यूनिख में महावाणिज्यदूत के रूप में तैनात रहे। वे स्पेन और म्यांमार में भी रहे हैं।