#NewsBytesExplainer: कोविशील्ड वैक्सीन के कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने से संबंधित विवाद क्या है?
क्या है खबर?
ब्रिटेन से एक ऐसी खबर आई है, जिससे करोड़ों भारतीय अपनी जान को लेकर चिंता में पड़ गए हैं।
यहां की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि उसकी कोविड वैक्सीन से ऐसा दुर्लभ साइड इफेक्ट हो सकता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ता है।
भारत में यह वैक्सीन कोविशील्ड के नाम से करोड़ों लोगों को लगी थी और कंपनी के खुलासे के बाद ये सभी चिंता में हैं।
आइए पूरा मामला जानते हैं।
मामला
क्या है मामला?
ब्रिटेन के जेमी स्कॉट नामक शख्स ने यहां की कोर्ट में एस्ट्राजेनेका के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। इसमें उन्होंने बताया कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाने के बाद वह थ्रोम्बोसिस विथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) का शिकार हुए, जिससे उनके शरीर में खून के थक्के जमे और स्थायी ब्रेन डैमेज हो गया।
स्कॉट मुकदमा दायर करने वाले एकमात्र व्यक्ति नहीं है और हाई कोर्ट में ऐसे कुल 51 मामले दायर किए गए हैं, जिन्होंने 10.46 अरब रुपये मुआवाज मांगा है।
कबूलनामा
एस्ट्राजेनेका ने क्या कहा?
ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने फरवरी में हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया, जिसमें उसने स्वीकार किया कि उसकी वैक्सीन से TTS हो सकता है।
उसने कहा कि वह TTS के मामलों से चिंतित है, लेकिन ऐसा बेहद दुर्लभ मामलों में ही होता है और तमाम अध्ययनों में उसकी वैक्सीन उचित मानकों पर खरी उतरी है।
कंपनी ने वैक्सीन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे 60 लाख लोगों की जान बची।
TTS
क्या है TTS?
TTS एक गंभीर बीमारी है, जिसमें एक तरफ शरीर में खून के थक्के बनने लगते हैं, वहीं दूसरी तरफ शरीर में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है।
खून के थक्के रक्त वाहिकाओं में जमकर खून के प्रवाह को प्रभावित करते हैं, जिससे दिल और दिमाग जैसे अहम अंगों तक खून नहीं पहुंच पाता।
दिमाग तक खून नहीं पहुंचने पर ब्रेन स्ट्रोक और दिल तक खून नहीं पहुंचने पर हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से मौत हो सकती है।
चिंता
एस्ट्राजेनेका के कबूलनामे से भारतीय क्यों चिंतित?
दरअसल, भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का 'कोविशील्ड' नाम से निर्माण किया था। देश में करोड़ों लोगों को यह वैक्सीन लगी है। इसके साथ ही अफ्रीका समेत दुनियाभर के गरीब देशों में भी सबसे ज्यादा इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया है।
ऐसे में यह वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में चिंता बढ़ गई है कि क्या वे भी TTS से ग्रसित हो सकते हैं और क्या उन्हें हार्ट अटैक आ सकता है।
वीडियो
कोरोना महामारी के बाद भारत में बढ़े हैं हार्ट अटैक के मामले
कोरोना वायरस महामारी के बाद भारत में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं और नाचते-खेलते लोगों के साइलेंट हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट से मरने के वीडियो सामने आए हैं।
लोगों ने इन मामलों को कोविड वैक्सीन से जोड़ा था और कहा था कि लोग कोविड वैक्सीन के कारण मर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने इससे इनकार किया था।
अब एस्ट्राजेनेका के कबूलनामे ने लोगों के इस डर को एक आधार देकर बढ़ा दिया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
कोविशील्ड वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर विकसित किया है। यह कोरोना वायरस महामारी के दौरान आने वाली सबसे पहली वैक्सीनों में से एक थी।
इस वैक्सीन को चिंपैजी में साधारण जुकाम करने वाले निष्क्रिय एडिनोवायरस पर कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन लगाकर बनाया गया है।
कोविशील्ड दो खुराकों वाली वैक्सीन है, यानि ये 2 खुराकों के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ इम्युनिटी पैदा करती है।