भारत बायोटेक की नाक से दी जाने वाली कोविड वैक्सीन को मिली आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी
क्या है खबर?
भारत बायोटेक की इंट्रानेजल (नाक से दी जाने वाली) कोविड वैक्सीन BBV154 को आपातकालीन स्थिति में सीमित इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की मंजूरी के अनुसार, अभी के लिए इस वैक्सीन का इस्तेमाल 18 साल से अधिक उम्र के वयस्कों पर ही किया जा सकेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इससे महामारी के खिलाफ लड़ाई और मजबूत होगी और देश कोविड को हराएगा।
BBV154 वैक्सीन परिचय
भारत बायोटेक ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर विकसित की है वैक्सीन
भारत बायोटेक ने BBV154 वैक्सीन को सेंट लुईस स्थित वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की मदद से विकसित किया है।
इस वैक्सीन को एडिनोवायरल से बनाया गया है जिसमें कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन को जोड़ा गया। इसे इस तरह से विकसित किया गया है कि इसे नाक के जरिए दिया जा सके।
लगभग 4,000 लोगों पर हुए तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में वैक्सीन को प्रभावी और सुरक्षित पाया गया था। ट्रायल में गंभीर साइड इफेक्ट्स भी नहीं देखने को मिले।
काम करने का तरीका
कैसे काम करती है BBV154 वैक्सीन?
कोरोना वायरस समेत कई वायरस म्यूकोसा (नाक, मुंह और फेफड़ों को जोड़ने वाले टिश्यू) के जरिये इंसानी शरीर में प्रवेश करते हैं।
नाक के जरिए दी जाने वाली BBV154 वैक्सीन या अन्य कोई नेजल वैक्सीन सीधे म्यूकोसा के पास जाती है, जिससे वायरस के प्रवेश करने की जगह पर ही एक तरह की सुरक्षा परत बन जाती है।
खास बात यह है कि यह कोरोना वायरस के संक्रमण और उसके प्रसार दोनों को रोकने में कारगर है।
जानकारी
गरीब देशों के लिए किफायती साबित होगी वैक्सीन
विशेषज्ञों ने बताया कि भारत बायोटेक की इस वैक्सीन के नेजल डिलीवरी सिस्टम यानि नाक से वैक्सीन देने के सिस्टम को इस तरह डिजाइन किया गया है कि ये काफी किफायती है जो गरीब देशों के लिए बेहद अच्छा साबित होगा।
इंट्रानेजल वैक्सीन
इंट्रानेजल वैक्सीन के क्या फायदे हैं?
जिस वैक्सीन को नाक के जरिये दिया जाता है, उसे इंट्रानेजल वैक्सीन कहा जाता है। ऐसी वैक्सीनों के सहारे लोगों का बड़ी संख्या में तेजी से वैक्सीनेशन संभव हो पाता है और कम समय में ज्यादा लोगों को खुराक देने में मदद मिलती है।
इंट्रानेजल वैक्सीन की मदद से बड़े वैक्सीनेशन अभियान को सरल बनाया जा सकता है।
इन वैक्सीनों में सिरिंज और सुईयों की जरूरत नहीं होती, वहीं खुराक देने के लिए प्रशिक्षित लोगों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
वैक्सीनेशन
देश में वैक्सीनेशन की क्या स्थिति?
देश में अब तक कोविड वैक्सीन की 2.14 अरब खुराकें लगाई जा चुकी हैं। देश में 18 साल से अधिक उम्र के 92.11 करोड़ वयस्कों को वैक्सीन की पहली खुराक लग चुकी है, वहीं 86.08 करोड़ वयस्कों को दोनों खुराकें लग चुकी हैं।
इसी तरह 15 से 18 साल के 5.25 करोड़ लोगों को भी दोनों खुराकें लग चुकी हैं। 12 से 14 साल के 3.05 करोड़ बच्चों को दोनों खुराकें लगी हैं।
बीते दिन 19.93 लाख खुराकें लगाई गईं।
महामारी
देश में महामारी की क्या स्थिति?
देश में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 4,417 नए मामले सामने आए जो बीते तीन महीनों में सबसे कम हैं। इससे पहले 6 जून को 3,714 नए मामले सामने आए थे।
अभी तक देश में कुल 4,44,66,862 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है, जिनमें से 52,336 लोगों की मौत हुई है। बीते दिन 23 लोगों की मौत हुई।
सक्रिय मामलों की संख्या गिरकर 52,336 हो गई है।