डोनाल्ड ट्रंप ने दी चेतावनी, कहा- भारत ने अगर ज्यादा शुल्क लगाया तो अमेरिका भी लगाएगा
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी वस्तु पर अधिक शुल्क लगाने को लेकर भारत को चेतावनी दी है। अपने मार-ए-लागो रिपोर्ट में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने भारत की टैरिफ प्रथाओं की आलोचना की और कहा कि अगर भारत अधिक शुल्क लगाना जारी रखता है तो अमेरिका भी अधिक शुल्क लगाएगा। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 100 प्रतिशत टैरिफ की जानकारी दी, जो भारत की ओर से लगाया जा रहा है।
ट्रंप ने क्या दिया बयान?
ट्रंप ने कहा, "पारस्परिक शब्द जरूरी है क्योंकि अगर हमसे कोई शुल्क लेता है- भारत, हमें अपने बारे में बात करने की आवश्यकता नहीं है- अगर भारत हमसे 100 प्रतिशत शुल्क लेता है, तो क्या हम इसके लिए उनसे कुछ भी शुल्क नहीं लेते हैं? आप जानते हैं, वे हमें साइकिल भेजते हैं और हम उन्हें साइकिल भेजते हैं। वे हमसे 100 और 200 प्रतिशत लेते हैं। भारत बहुत अधिक शुल्क लेता है।"
आगे क्या बोले ट्रंप?
ट्रंप ने आगे कहा, "ब्राजील भी बहुत अधिक शुल्क लेता है। यदि वे हमसे शुल्क लेना चाहते हैं तो ठीक है, लेकिन हम भी उनसे वही शुल्क लेंगे।" इससे पहले ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान अक्टूबर में डेट्रायट में प्रमुख आर्थिक नीति भाषण में कहा था कि भारत सबसे अधिक शुल्क लगाने वाला देश है, जिसका वे जवाब देंगे। बता दें, अमेरिका और भारत का व्यापार संबंध लंबे समय से टैरिफ मुद्दे पर असहमति भरा रहा है।
ट्रंप की धमकी से कनाडा में हलचल
ट्रंप की टैरिफ बढ़ाने की धमकी से कनाडा में हलचल मची हुई है। यहां की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रिलैंड ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ ट्रंप की धमकी के मामले में असहमति जताते हुए इस्तीफा दे दिया है। ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से सभी आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की अपनी योजना दोहराई है, जिससे अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते (USMCA) पर काफी दबाव पड़ने की संभावना है। ट्रंप की धमकी का कनाडा में काफी विरोध हो रहा है।
BRICS देशों को भी दी गई है धमकी
ट्रंप ने अपने पड़ोसी देशों कनाडा और मैक्सिको को ही टैरिफ संबंधी धमकी नहीं दी, बल्कि BRICS संगठन में शामिल ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका समेत 9 देशों को भी चेताया है। उन्होंने दिसंबर की शुरूआत में सोशल मीडिया ट्रुथ पर लिखा था, 'BRICS समेत मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने के लिए कोई नई करेंसी लाते हैं तो उन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा।'