अमेरिका: माइक वाल्ट्ज बने डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, भारत के प्रति ऐसा है रुख
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टीम बनना शुरू कर दी है। ट्रंप ने फ्लोरिडा के कांग्रेसी और इंडिया कॉकस के सह-प्रमुख माइक वाल्ट्ज को अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) बनाने के लिए कहा है। वाल्ट्ज राष्ट्रपति जो बाइडेन की विदेश नीति के कट्टर आलोचक रहे हैं और इस कार्यकाल में सदन में सशस्त्र सेवा समिति, विदेश मामलों की समिति और सदन में खुफिया समिति से जुड़े हैं।
चीन के प्रति सख्त और भारत के प्रति नरम हैं वाल्ट्ज
50 वर्षीय वाल्ट्ज अनुभवी विदेश नीति विशेषज्ञ हैं। वे अमेरिका-भारत गठबंधन के प्रबल समर्थक माने जाते हैं। उन्होंने रक्षा और सुरक्षा सहयोग के मामलों में भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने की वकालत की है। वाल्ट्ज का रुख चीन के प्रति सख्त माना जाता है। उन्होंने कोविड-19 की उत्पत्ति में उसकी संलिप्तता और उइगर मुसलमानों के साथ उसके कथित दुर्व्यवहार के कारण बीजिंग में 2022 के शीतकालीन ओलंपिक का अमेरिका से बहिष्कार करने की वकालत की थी।
2019 से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्य हैं वाल्ट्ज
वाल्ट्ज सेवानिवृत्त सेना कर्नल हैं। उन्होंने अमेरिकी सेना की एक विशिष्ट विशेष बल इकाई ग्रीन बेरेट में कार्य किया है।वाल्ट्ज ने वर्जीनिया मिलिट्री इंस्टीट्यूट से स्नातक किया और फ्लोरिडा गार्ड में रहे। फ्लोरिडा गार्ड में रहते हुए उन्होंने अफगानिस्तान, मध्य पूर्व और अफ्रीका में कई युद्ध यात्राएं कीं और 4 कांस्य सितारे हासिल किए। डोनाल्ड रम्सफेल्ड और रॉबर्ट गेट्स के रक्षा प्रमुख रहते वाल्ट्ज पेंटागन में नीति सलाहकार रहे। वे फ्लोरिडा से 3 बार रिपब्लिकन प्रतिनिधि रह चुके हैं।
भारत को क्या होगा फायदा?
जानकारों का मानना है कि वाल्ट्ज की नियुक्ति भारत के लिए सकारात्मक संकेत हैं और इनके NSA बनने से भारत-अमेरिका के संबंध और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाएंगे। ऐसे में भारत अमेरिका के साथ मजबूत रक्षा और रणनीतिक सहयोग की और कदम बढ़ा सकता है। जिसमें नए द्विपक्षीय समझौते, संयुक्त सैन्य अभियान और क्वाड जैसे क्षेत्रीय मंचों पर समकक्ष नीतियां शामिल हो सकती हैं। वाल्ट्ज की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका-चीन संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं।
क्या है इंडिया कॉकस?
इंडिया कॉकस भारत और भारतीय-अमेरिकियों पर द्विदलीय कांग्रेसनल कॉकस है। इसमें अभी सीनेट के 40 सदस्य हैं। 2004 में तत्कालीन न्यूयॉर्क सीनेटर और विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और सीनेटर जॉन कॉर्निन ने इसे स्थापित किया। यह सीनेट में अपनी तरह का सबसे बड़ा कॉकस है।
ट्रंप ने मार्को रुबियो को विदेश मंत्री चुना
ट्रंप ने अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो को विदेश मंत्री चुना है। रुबियो जनवरी में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका के शीर्ष राजनयिक बनने वाले पहले लैटिनो होंगे। 53 वर्षीय रुबियो भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के समर्थक माने जाते हैं। उन्होंने भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में स्थापित किया है। वे चीन, ईरान और क्यूबा जैसे देशों की चुनौतियों का डटकर सामना करने की मांग करते रहे हैं।