भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारी कतर की हिरासत में, दोहा की कंपनी में थे कार्यरत
भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी कतर की हिरासत में हैं। ये सभी कतर की नौसेना को ट्रेनिंग और दूसरी सेवाएं मुहैया कराने वाली एक कंपनी के लिए काम करते थे। अभी तक यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि इन्हें क्यों हिरासत में लिया गया था और किन आरोपों के चलते इन्हें रिहा नहीं किया जा रहा है। दोहा स्थित भारतीय राजदूत को इस मामले की जानकारी है और इसके अधिकारियों ने इन लोगों से मुलाकात की है।
मंगलवार को सामने आया था मामला
यह मामला मंगलवार को ट्विटर यूजर @DrMeetuBhargava के ट्वीट के बाद सामने आया था। इसमें बताया गया था कि ये अधिकारी 57 दिनों से दोहा की अवैध हिरासत में हैं। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर आदि को टैग किया गया था। हिरासत में लिए गए लोगों में कमांडर (रिटायर्ड) प्रणेंदु तिवारी भी शामिल हैं, जो इस कंपनी के प्रबंधक निदेशक हैं। उन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया था।
किस कंपनी में काम करते थे ये वेटरन?
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, नौसेना के ये पूर्व अधिकारी कतर की दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेस नामक कंपनी में काम करते थे। यह कंपनी खुद को कतर की रक्षा, सुरक्षा और दूसरी सरकारी एजेंसियों की स्थानीय व्यापार साझेदार बताती है। यह कंपनी मुख्य तौर पर रक्षा उपकरण और मरम्मत के क्षेत्र में काम करती है। इसके प्रमुख खामिस अल आज्मी हैं, जो रॉयल ओमान एयर फोर्स के रिटायर्ड स्क्वॉड्रन लीडर हैं।
विदेश मंत्रालय की टिप्पणी का इंतजार
इस मामले को लेकर अभी तक भारतीय विदेश मंत्रालय की टिप्पणी का इंतजार है। दूसरी तरफ कंपनी की वेबसाइट से पता चलता है कि उसे अपने काम के लिए दोहा स्थित भारतीय मिशन से काफी प्रशंसा मिली है। राजदूत दीपक मित्तल ने कहा था कि कंपनी कतर रक्षा बलों की क्षमताओं का निर्माण करने के लिए अच्छा काम कर रही है। कंपनी भारतीय नेतृत्व के मित्र देशों के साथ साझेदारी करने के दृष्टिकोण का सबूत है।
पूर्व राजदूत भी कर चुके तारीफ
कतर में भारत के पूर्व राजदूत पेरियासामी कुमारन ने कंपनी के भारत की रक्षा क्षमताओं के प्रभावी प्रदर्शन के लिए तारीफ करते हुए कहा था कि इससे दोनों देशों के बीच सहयोग के नए अवसर पैदा हुए हैं।