काबुल में भारतीय के अपहरण की सूचना, विदेश मंत्रालय ने सभी संबंधित पक्षों से साधा सम्पर्क
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से लोगों में दहशत फैली हुई है। लोग अपनी सुरक्षा के लिए देश छोड़कर जाने की जुगत में लगे हैं। इसी बीच मंगलवार को राजधानी काबुल में भारतीय नागरिक के कथित अपहरण की सूचना ने विदेश मंत्रालय को सतर्क कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने मामले में त्वरित कदम उठाते हुए अफगानिस्तान में सभी संबंधित पक्षों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। मंत्रालय स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।
बंदूक की नोक पर किया भारतीय नागरिक का अपहरण
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मंगलवार को बंदूक की नोक पर भारतीय नागरिक बंसरीलाल आरंदेह का अपहरण कर लिया गया था। आरंदेह का परिवार फरीदाबाद में रहता है और वह पिछले दो दशकों से काबुल में कारोबार कर रहे था। उसके अपहरण की सूचना से उसके परिवार वालों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई। उन्होंने भारतीय अधिकारियों से आरंदेह की रिहाई के लिए कदम उठाने की मांग की है।
सभी संबंधित पक्षों के सम्पर्क में है विदेश मंत्रालय- बागची
काबुल में भारतीय नागरिक के अपहरण के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "अपहरण की सूचना को लेकर हम सभी संबंधित पक्षों के साथ सम्पर्क में हैं। हमने उन खबरों को भी देखा है जिसमें स्थानीय प्रशासन द्वारा इस मामले की जांच किये जाने की बात कही गई है। हम स्थिति पर आगे भी नजर बनाये रखेंगे और आरंदेह की जल्द से जल्द रिहाई कराएंगे।" उन्होंने कहा, "विदेश मंत्रालय अपने हरसंभव प्रयास कर रहा है।"
"आरंदेह की नागरिकता की भी कर रहे हैं जाच"
आरंदेह के भारतीय नागरिक होने के सवाल पर बागची ने कहा, "हमें यह बताया गया है कि वह भारतीय नागरिक हैं, लेकिन हम भी इस बारे में गहनता से पता कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "खबरों में कहा गया है कि आरंदेह का परिवार फरीदाबाद में रहता है और वह पिछले दो दशकों से काबुल में कारोबार कर रहे हैं।" बता दें कि आरंदेह के वहां की नागरिकता लेने की भी संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
भारतीय नागरिकों की वापसी पर अभी कुछ कह पाना है मुश्किल- बागची
एक अन्य सवाल के जवाब में बागची ने कहा कि जब तक काबुल हवाई अड्डा उड़ान सेवा के परिचालन के लिये खुल नहीं जाता है तब तक शेष भारतीयों और अफगानिस्तान के कुछ नागरिकों को वापस लाने के बारे में कुछ कहना कठिन है। बागची ने कहा कि उनका ध्यान इस बात पर है कि काबुल हवाई अड्डा खुल जाए। इसके बाद उनके लिए वहां फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाना ज्यादा आसान हो जायेगा।
तालिबान ने 15 अगस्त को किया था अफगानिस्तान पर कब्जा
बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर अपना कब्जा कर लिया था। इसके बाद उसने अपनी अंतरिम सरकार का भी ऐलान कर दिया। तालिबान के शासन के डर से लाखों अफगान नागरिक दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं। भारत सरकार ने 'आपरेशन देवी शक्ति' के तहत भारतीय वायुसेना के सैन्य परिवहन विमान के जरिए अफगानिस्तान से लोगों को निकाला था। इनमें भारतीय नागरिकों सहित अफगानी और नेपाल के नागरिक भी शामिल थे।