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दुनियाभर के 1.43 करोड़ बच्चों को टीकाकरण के तहत नहीं मिली एक भी खुराक- रिपोर्ट
दुनियाभर में 1.43 करोड़ बच्चों को नहीं मिली टीके की एक भी खुराक

दुनियाभर के 1.43 करोड़ बच्चों को टीकाकरण के तहत नहीं मिली एक भी खुराक- रिपोर्ट

Jul 15, 2025
05:02 pm

क्या है खबर?

दुनियाभर में बच्चाें के लिए चलाए जा रहे विभिन्न टीकाकरण कार्यक्रमों के बाद भी 1.43 करोड़ से अधिक बच्चों को आज तक एक भी खुराक नहीं मिली है। यह स्थिति सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के प्रयासों के लिए बड़ा खतरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र बाल की ओर से 195 देशों के आंकड़ों के आधार पर राष्ट्रीय टीकाकरण कवरेज के अनुमानों पर सालाना जारी की जाने वाली रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

रिपोर्ट

क्या कहती है रिपोर्ट?

रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर साल 2024 में 2023 की तुलना में 1.71 लाख कम बच्चों के टीकाकरण हुआ है। ऐसे में वर्तमान में 1.4 करोड़ से अधिक बच्चे टीकों से रोके जा सकने वाली बीमारियों के प्रति बहुत अधिक संवेदनशील हैं। इसी तरह 57 लाख अतिरिक्त बच्चे केवल आंशिक सुरक्षा प्राप्त कर पा रहे हैं क्योंकि उन्हें कुछ टीकों की सभी अनुशंसित खुराकें नहीं मिली है। ऐसे में यह बच्चों के सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ी चिंता है।

टीकाकरण

पिछले साल कैसा रहा टीकाकरण अभियान?

नई रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में डिप्थीरिया, टिटनेस और पर्टुसिस के खिलाफ सुरक्षा स्थिर बनी रहेगी, क्योंकि वैश्विक स्तर पर 89 प्रतिशत शिशुओं को DTP वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिली है। यह 2023 और 2022 में समान ही है। पिछले साल लगभग 85 प्रतिशत ने टीके की सभी तीन अनुशंसित खुराकें पूरी कीं, जबकि 2023 में यह 84 और 2022 में 85 प्रतिशत थी। यह स्थिति काफी सराहनीय रही है।

खसरा

खसरे के टीके पर क्या रही स्थिति?

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 84 प्रतिशत बच्चों ने खसरे के टीके की पहली खुराक हासिल की। साल 2023 और 2022 में यह आंकड़ा 83 प्रतिशत था। हालांकि, यह अनुपात 2019 की तुलना में कम है क्योंकि उस दौरान 86 प्रतिशत बच्चों को यह खुराक मिली थी। रिपोर्ट के अनुसार, कुल मिलाकर, पिछले साल 2.6 करोड़ बच्चों ने खसरे के टीके की अपनी नियमित पहली खुराक नहीं ली और इसमें सुधार की जरूरत है।

फायदा

खसरे के टीके की दूसरी खुराक में हुआ इजाफा

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 76 प्रतिशत बच्चों ने खसरे के टीके की दूसरी खुराक प्राप्त की, जो 2022 में 73 और 2023 में 74 प्रतिशत थी। पहली खुराक प्राप्त करने वाली लड़कियों की संख्या 2022 के 20 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 31 प्रतिशत पहुंच गई है। इसी तरह पिछले साल 24 प्रतिशत बच्चों ने अपने देश में अनुशंसित टीकों की सभी खुराक प्राप्त की है, जो 2023 में 21 और 2022 में केवल 14 प्रतिशत थी।

जानकारी

अमेरिका के टीकाकरण में आ रही है गिरावट

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में बाल टीकाकरण कवरेज में गिरावट आ रही है। अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र के अनुसार, इस साल खसरे के 90 से अधिक मामले में उन बच्चों में मिले हैं, जिनके इसकी कोई खुराक नहीं लगी थी।

बयान

नई रिपोर्ट ने उजागर की चिंताजनक स्थिति- ब्रायन

WHO के टीकाकरण, वैक्सीन और जैविक विभाग की निदेशक डॉ केट ओ ब्रायन ने कहा, "नवीनतम अनुमान वास्तव में चिंताजनक स्थिति को उजागर करते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "वैश्विक दृष्टिकोण यह है कि हर जगह हर किसी को जीवनरक्षक टीकों का लाभ मिले, लेकिन हम एक बहुत ही जिद्दी सीमा को पार कर चुके हैं। ऐसे में अब अधिक बच्चों को टीकों से रोकी जा सकने वाली बीमारियों से बचाना और भी मुश्किल होता जा रहा है।"

वंचित

निम्न या मध्यम आय वाले देशों में सर्वाधिक वंचित रहे बच्चे

ओ ब्रायन ने कहा, "दुनिया भर में बढ़ते संघर्षों और युद्ध क्षेत्रों के कारण बच्चों को टीकाकरण उपलब्ध कराने में हुई प्रगति में कुछ कमी आई है, जिसके कारण निम्न या मध्यम आय वाले देशों में कई बच्चे टीकाकरण से वंचित रह गए हैं।" उन्होंने कहा, "नाइजीरिया, भारत, सूडान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, इंडोनेशिया, यमन, अफगानिस्तान और अंगोला में 52 प्रतिशत बच्चे ऐसे थे जिन्हें कभी भी टीके की खुराक नहीं मिली। यह बेहद चिंताजनक स्थिति है।"

कारण

टीकाकरण में कमी का क्या है कारण?

WHO के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा, "हमें अभी भी बहुत काम करना है। सहायता में भारी कटौती और टीकों की सुरक्षा के बारे में गलत जानकारी, दशकों की प्रगति को खतरे में डाल रही है।" उन्होंने आगे कहा, "WHO अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि देशों को स्थानीय समाधान विकसित करने और सभी बच्चों तक टीकों की जीवनरक्षक शक्ति पहुंचाने के लिए घरेलू निवेश बढ़ाने में मदद मिल सके।"