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अफगानिस्तान दूतावास ने भारत में बंद किया कामकाज, बताई ये 3 वजहें
अफगान दूतावास ने भारत में कामकाज बंद कर दिया है

अफगानिस्तान दूतावास ने भारत में बंद किया कामकाज, बताई ये 3 वजहें

लेखन आबिद खान
Oct 01, 2023
11:05 am

क्या है खबर?

भारत में अफगानिस्तान के दूतावास ने आज यानी 1 अक्टूबर से कामकाज बंद करने का ऐलान किया है। शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान के दूतावास ने रविवार से भारत में अपने परिचालन को बंद करने का फैसला किया है। दूतावास ने इसके पीछे 3 वजहें बताई हैं। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बावजूद भारत में पुरानी सरकार का दूतावास काम कर रहा था।

वजह

अधिकारियों ने बताई दूतावास बंद करने की 3 वजहें 

बयान में अधिकारियों की ओर से दूतावास बंद करने की 3 वजहें बताई गई हैं। पहली- मेजबान देश भारत की तरफ से इस कठिन समय में जो मदद मिलनी चाहिए, वो नहीं मिली। दूसरी- अफगानिस्तान के हितों की रक्षा से जुड़ी उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रहा और तीसरी- संसाधनों की कमी। दूतावास ने कहा कि संसाधनों की कमी के चलते कर्मचारियों की संख्या कम करनी पड़ी, जिससे कामकाज चलाने में परेशानी बढ़ी है।

बयान

दूतावास बोला- हमें इस फैसले पर बहुत अफसोस है

दूतावास ने बयान में भारत में कामकाज बंद करने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद मुश्किल भरा बताया। दूतावास ने लिखा, "अफगानिस्तान और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों और दीर्घकालिक साझेदारी को देखते हुए बेहद विचार विमर्श कर ये फैसला लिया गया है।" बता दें कि भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुंडजे हैं, जिन्हें अशरफ गनी सरकार ने नियुक्त किया था। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भी वे अफगान दूत के रूप में काम कर रहे हैं।

अपील

दूतावास ने भारत सरकार से की ये अपील 

दूतावास ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा, "दूतावास की इमारत पर अफगान झंडे को लहराने दिया जाए। साथ ही विएना संधि के तहत दूतावास की संपत्ति को सही तरीके से काबुल में वैध सरकार को हस्तांतरित किया जाए।" बयान में कहा गया कि अफगान नागरिकों के लिए आपातकालीन कांसुलर सेवाएं दूतावास को मेजबान देश को स्थानांतरित होने तक चालू रहेंगी। भारत में रहने वाले अफगान नागरिकों के लिए दूतावास ने कहा कि उन्हें जरूरी जानकारियां देते रहेंगे।

शरण

अफगानी राजनयिकों ने यूरोप-अमेरिका में ली शरण

अफगानिस्तान दूतावास के राजदूत और कई राजनयिक भारत छोड़कर यूरोप-अमेरिका समेत दूसरे देशों में चले गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि 5 अफगान राजनयिकों ने भारत छोड़ दिया है और दूसरे देशों में शरण ली है। रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि भारत में अब केवल 2 ही अफगान राजनयिक हैं और वे भी जल्द देश छोड़ सकते हैं। इनमें से एक राजनयिक का वीजा रिन्यू नहीं हो पाया है।

प्लस

न्यूजबाइट्स प्लस

2001 में तालिबान सरकार गिरने के बाद अफगानिस्तान ने भारत ने अपना दूतावास खोला था। इसके एक साल बाद भारत ने भी काबुल में अपना दूतावास शुरू किया। भारत में मुंबई और हैदराबाद में अफगानिस्तान के वाणिज्य दूतावास भी हैं। इसी तरह अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ़, हेरात, कंधार और जलालाबाद में भी भारत के वाणिज्य दूतावास हैं। 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान की सत्ता आ गई, तब से कई देशों में राजदूतों को लेकर विवाद चल रहा है।