
USAID की सेवा 6 दशक बाद पूरी तरह बंद, मार्को रुबियो ने की पुष्टि
क्या है खबर?
अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) के कामकाज को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। यह पुष्टि अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने की। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इसके कार्यक्रमों में 85 प्रतिशत की कटौती करने के बाद USAID को विदेश मंत्रालय में शामिल कर लिया गया है। मंगलवार को एजेंसी के कामकाज के अंतिम दिन पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बराक ओबामा ने इससे जुड़े कर्मचारियों को विदाई दी और कहा कि अभी इसकी जरूरत थी।
बयान
बुश और ओबामा ने USAID के बंद होने पर क्या कहा?
बुश ने एक वीडियो संदेश में USAID के बंद होने से एड्स राहत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की आपातकालीन योजना (PEPFAR) पर असर पड़ने की संभावना जताई, जो 2001-2009 में उनकी सर्वोच्च उपलब्धि में एक है। ओबामा जो बुश की तरह खुलकर ट्रंप की खुलेआम आलोचना करते हैं, ने कहा कि USAID को समाप्त करना अस्पष्ट था और यह एक बहुत बड़ी गलती के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि यह हास्यास्पद और त्रासदीपूर्ण कार्य है।
संकट
USAID के बंद होने से पड़ सकता है बड़ा असर
मंगलवार को चिकित्सा पत्रिका लैंसेट में एक अध्ययन सामने आया है, जिसमें भविष्यवाणी की गई है कि USAID को बंद करने से 2030 तक 1.4 करोड़ से अधिक की मौत होगी, जिसमें 40 लाख बच्चे होंगे। अध्ययन में बताया गया है कि USAID के विकास कार्यक्रमों ने 2001 से 2021 के बीच निम्न और मध्यम आय वाले देशों (LMIC) में 9.1 करोड़ मौतों को रोका, जिसमें 3 करोड़ बच्चे थे। इसके कार्यक्रम से बाल मृत्यु दर में कमी आई थी।
परिचय
क्या है USAID?
USAID अमेरिका की विदेशी सहायता एजेंसी है। इसकी मदद से अमेरिका दुनियाभर के कई देशों की आर्थिक मदद करता है। यह एजेंसी भारत समेत दुनिया के कई देशों में अरबों की मदद बांटती है। USAID के 100 से अधिक देशों में मिशन हैं और 60 से अधिक देशों में कार्यालय हैं, जिनमें 10,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। ये गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सेवाएं, टीकाकरण, खाद्यान्न, शिक्षा और मानवीय सहायता से जुड़े कार्यक्रम चलाता है।
स्थापना
1961 में हुई थी एजेंसी की स्थापना
1961 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने 'अलायंस फॉर प्रोग्रेस' नामक संस्था की स्थापना की थी। इसकी स्थापना करने की एक वजह शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ से मुकाबला करना भी थी। इसके बाद 1961 में ही अमेरिकी संसद में एक कानून पारित कर एक ऐसी स्थायी एजेंसी बनाई गई, जो पूरी दुनिया में अमेरिकी विदेश नीति को आगे बढ़ाए। इस तरह USAID अस्तित्व में आई। 1998 में इसे स्वतंत्र एजेंसी का दर्जा दिया गया।
विवाद
क्यों बंद की गई एजेंसी?
ट्रंप प्रशासन का मानना है कि USAID के जरिए अमेरिकी करदाताओं का पैसा बेवजह के कामों में लगाया जा रहा है। ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही USAID के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता पर 90 दिन की रोक लगा दी थी और इसके 2 शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को निकाल दिया था। DOGE प्रमुख एलन मस्क ने कहा था कि USAID को 'कट्टर वामपंथी सनकी' चला रहे हैं, जो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर रहे हैं।