भारत के इन खिलाड़ियों ने एक टेस्ट मैच में पांचों दिन की है बल्लेबाजी
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ज्यादातर बल्लेबाज वही सफल हुए हैं, जो क्रीज पर टिककर खेले हैं। खेल के सबसे बड़े प्रारूप में बल्लेबाजों की धैर्य की परीक्षा होती हैं। हालांकि, वर्तमान क्रिकेट में अब इस प्रारूप में भी आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी का चलन बड़ा है। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अब तक कुछ चुनिंदा बल्लेबाज ही पांचों दिन बल्लेबाजी करने में सफल हुए हैं। ऐसा कारनामा करने वाले भारतीय खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं।
एमएल जयसिम्हा (बनाम ऑस्ट्रेलिया, 1960)
भारत के एमएल जयसिम्हा ने 1960 में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ मैचो में पांचों दिन बल्लेबाजी की थी। उन्होंने पहली पारी में नाबाद 20 रन और दूसरी पारी में 74 रन बनाए थे। जयसिम्हा मैच के पहले दिन की समाप्ति तक 2 रन बनाकर नाबाद थे। उन्होंने दूसरे दिन भारतीय पारी की समाप्ति तक नाबाद 20 रन बनाए। इसके बाद उन्होंने तीसरे, चौथे और पांचवें दिन बल्लेबाजी करते हुए 74 रन बनाए। आखिर में वो मुकाबला ड्रॉ रहा था।
रवि शास्त्री (बनाम इंग्लैंड, 1984)
रवि शास्त्री ने 1984 में इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ पांचों दिन बल्लेबाजी की थी। उन्होंने पहली पारी में 111 रन बनाए थे। वह पहली पारी के दौरान ही शुरुआती 4 दिन बल्लेबाजी करने में सफल हुए थे। इसके बाद उन्होंने दूसरी पारी में नाबाद 7 रन बनाए थे। उस मुकाबले में भारत ने पहली पारी 437/7 के स्कोर पर घोषित की और जवाब में इंग्लिश पारी 276 रन ही बना सकी थी। आखिरकार मैच ड्रॉ रहा था।
चेतेश्वर पुजारा (बनाम श्रीलंका, 2017)
चेतेश्वर पुजारा नवंबर 2017 में इस सूची में शामिल हुए थे। उन्होंने श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाफ अपनी पहली पारी में 52 रन बनाए। बारिश से प्रभावित उस मैच में पुजारा ने शुरुआती तीन दिन के दौरान ये अर्धशतकीय पारी खेली थी। इसके बाद मैच के चौथे और पांचवें दिन बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने अपनी दूसरी पारी में 22 रन बनाए थे। बारिश के खलल के चलते बहुत ओवरों का नुकसान हुआ और मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ था।
एक ही मैदान पर बना ये रिकॉर्ड
दिलचस्प बात यह है कि भारत के इन तीनों मैचों का गवाह कोलकाता का ईडन गार्डन स्टेडियम बना था। ऐसा ही कारनामा भारत में सिर्फ मोहाली में हुआ था। हालांकि, तब इंग्लिश टीम के ऑलराउंडर एंड्र्यू फ्लिंटॉफ ने 2006 में भारतीय टीम के विरुद्ध पांचों दिन बल्लेबाजी की थी। गौरतलब हो कि ईडन गार्डन के अलावा सिर्फ बर्मिंघम, लॉर्ड्स और बुलवायो के मैदान में 2-2 बार ऐसा देखने को मिला है।