रणजी ट्रॉफी फाइनल: अक्षय वाडकर ने लगाया बेहतरीन शतक, जानिए उनके आंकड़े
क्या है खबर?
रणजी ट्रॉफी का फाइनल मुंबई क्रिकेट टीम और विदर्भ क्रिकेट टीम के बीच खेला जा रहा है।
विदर्भ की दूसरी पारी के दौरान कप्तान अक्षय वाडकर ने कमाल की पारी (102) खेली और अपने प्रथम श्रेणी करियर का 9वां शतक जड़ दिया।
538 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी विदर्भ की टीम के लिए अक्षर ने आखिरी दिन तक संघर्ष किया। वह तनुश कोटियन की गेंद पर पगबाधा आउट होकर पवेलियन लौटे।
आइए उनकी पारी पर नजर डालते हैं।
जानकारी
विदर्भ के लिए फाइनल मुकाबले में शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज
अक्षय विदर्भ के लिए रणजी ट्रॉफी फाइनल में शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज हैं। उन्होंने साल 2017-18 के फाइनल मुकाबले में दिल्ली के खिलाफ शतक लगाया था। इस मैच में विदर्भ को जीत मिली थी। इसके बाद मुंबई के खिलाफ उन्होंने यह कारनामा किया है।
पारी
कैसी रही अक्षय की पारी और साझेदारी?
अक्षय ने 195 गेंद का सामना करते हुए अपना शतक पूरा किया। अपनी इस पारी के दौरान उन्होंने 9 चौके और 1 छक्का लगाया। उनकी स्ट्राइक रेट 51.26 की रही।
उन्होंने करुण नायर के साथ 173 गेंद में 90 रन की साझेदारी निभाई। हर्ष दुबे के साथ इस खिलाड़ी ने 255 गेंद में 130 रन जोड़े। हर्ष 65 रन बनाकर आउट हुए।
पहली पारी में यह विकेटकीपर बल्लेबाज सिर्फ 5 रन बनाकर आउट हो गया था।
करियर
अक्षय के प्रथम श्रेणी करियर पर एक नजर
अक्षय ने अपना पहला प्रथम श्रेणी मुकाबला साल 2017 में गोवा क्रिकेट टीम के लिए खेला था। वह अब तक 51 प्रथम श्रेणी मुकाबले खेले हैं। इसकी 76 पारियों में उन्होंने लगभग 50 की औसत से 3,143 से रन बना चुके हैं।
उनके बल्ले से 9 शतक के अलावा 17 अर्धशतक भी निकले हैं। अक्षय का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 146 रन का रहा है।
सेमीफाइनल मुकाबले में मध्य प्रदेश के खिलाफ अक्षय ने 77 रन की पारी खेली थी।
लिस्ट-A
अक्षय के लिस्ट-A करियर पर एक नजर
अक्षय ने लिस्ट-A क्रिकेट में अपना पहला मुकाबला उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम के खिलाफ साल 2013 में खेला था। वह अब तक 47 मुकाबले खेल चुके हैं। इसकी 39 पारियों में 35.61 की औसत से 1,104 रन बनाए हैं।
उनके बल्ले से 5 अर्धशतक निकले हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 82 रन रहा है।
अक्षय 8 बार नाबाद भी रहे हैं। टी-20 क्रिकेट में इस खिलाड़ी ने 28 मैच में 103.26 की स्ट्राइक रेट से 570 रन बनाए हैं।
मौका
टीम में मौका मिलने की बड़ी दिलचस्प कहानी
साल 2017 में अक्षय का करियर अधर में था। अंडर-23 कर्नल सीके नायडू ट्रॉफी के लिए उनकी उम्र ज्यादा थी।
रणजी ट्रॉफी में जितेश शर्मा और सिद्धेश वाथ विकेटकीपर की भूमिका में पहली पसंद थे।
2017-18 की रणजी ट्रॉफी से ठीक पहले स्थानीय टूर्नामेंट में उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया। इसके बाद पहले 3 रणजी मुकाबलों में जितेश और वाथ कुछ खास नहीं कर पाए और अक्षय को जगह मिल गई। इसके बाद सब इतिहास है।