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2011 विश्वकप फाइनल की विश्वसनीयता पर नहीं कर सकते संदेह- ICC

2011 विश्वकप फाइनल की विश्वसनीयता पर नहीं कर सकते संदेह- ICC

लेखन Neeraj Pandey
Jul 04, 2020
12:09 pm

क्या है खबर?

पिछले महीने श्रीलंका के पूर्व खेलमंत्री ने 2011 विश्वकप फाइनल फिक्स होने के गंभीर आरोप लगाए थे। उनके आरोपों के बाद श्रीलंका पुलिस ने जांच शुरु की थी और कुछ लोगों से पूछताछ भी हुई, लेकिन फिर जांच को बंद कर दिया गया। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि 2011 विश्वकप फाइनल पर संदेह करने का हमारे पास कोई कारण नहीं है।

बयान

विश्वकप फाइनल पर संदेह करने का कोई कारण नहीं- मार्शल

एंटी करप्शन यूनिट के जनरल मैनेजर एलेक्स मार्शल ने शुक्रवार को कहा कि फिलहाल उन्हें ऐसे कोई सबूत नहीं दिए गए हैं जिससे फिक्सिंग के इन आरोपों को बल मिले और जांच शुरु कराई जाए। उन्होंने आगे कहा, "2011 विश्वकप फाइनल की विश्वसनीयता पर संदेह करने का हमारे पास कोई कारण नहीं है। ऐसे आरोपों को हम गंभीरता से लेते हैं और यदि हमें कोई सबूत मिलेगा तो हम उसके आधार पर कार्यवाई करेंगे।"

आरोप और जांच

पूर्व खेलमंत्री के आरोपों के बाद शुरु हुई थी जांच

श्रीलंका के पूर्व खेलमंत्री महिंदनांदा अलुत्घाम्गे ने पिछले महीने News 1st के साथ बातचीत के दौरान कहा था कि 2011 फाइनल फिक्स था और वे इस बात को जिम्मेदारी के साथ कह रहे हैं। आरोप लगने के दो दिन बाद ही श्रीलंका के वर्तमान खेलमंत्री डुलास अलाहाप्पेरुमा ने इन आरोपों की जांच करने का आदेश दिया और हर दो हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने को कहा था।

जांच

बीते शुक्रवार को बंद कर दी गई जांच

बीते शुक्रवार को ही श्रीलंका पुलिस ने जानकारी दी थी कि विश्वकप फाइनल फिक्स होने की जो जांच चल रही थी उसे बंद कर दिया गया है। खेलों से जुड़े अपराध की जांच करने वाले स्वतंत्र स्पेशल जांच यूनिट के हेड जगथ फोनेस्का ने बताया कि जांच पूरी हो गई है। उन्होंने यह भी बताया था कि वह खेल मंत्रालय के सेक्रेटरी को जांच की रिपोर्ट भेजेंगे।

पूछताछ

कई लोगों से हुई थी पूछताछ

जांच के दौरान पूर्व सिलेक्टर चेयरमैन अरविंद डिसिल्वा, बल्लेबाज उपुल थरंगा और महेला जयवर्धने से पूछताछ की गई। फाइनल में श्रीलंका के कप्तान रहने वाले कुमार संगाकारा पूछताछ की लिस्ट में शामिल होने वाले लेटेस्ट क्रिकेटर रहे। डिसिल्वा से छह तो वहीं संगाकारा से 10 घंटों तक पूछताछ की गई और इसी कारण श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (SLC) के ऑफिस के बाहर लोगों ने धरना देना भी शुरु कर दिया था।