महिला क्रिकेट: न्यूजीलैंड से चौथा वनडे भी हारा भारत, बने ये रिकार्ड्स
भारतीय महिला क्रिकेट टीम को क्वीन्सटाउन में खेले गए चौथे वनडे मुकाबले में 63 रनों से शिकस्त मिली है। इस जीत के बाद न्यूजीलैंड ने पांच मैचों की सीरीज में 4-0 की अजेय बढ़त बना ली है। बारिश के चलते मैच 20-20 ओवरों का खेला गया, जिसमें कीवी टीम ने अमेलिया केर के अर्धशतक (68*) की बदौलत पांच विकेट खोकर 191 का स्कोर बनाया। जवाब में भारतीय टीम 128 रनों पर ही सिमट गई। जानिए मैच में बने रिकार्ड्स।
आसानी से जीती न्यूजीलैंड
कप्तान सोफी डिवाइन (32) और सूजी बेट्स (41) ने पॉवरप्ले में 53 रन जोड़कर अच्छी शुरुआत दिलाई। नंबर तीन पर बल्लेबाजी की लिए आई केर ने आक्रामक अर्धशतक जड़ा और उन्हें एमी सैटरथवेट (32) का अच्छा साथ मिला और मेजबान टीम ने बड़ा स्कोर खड़ा किया। जवाब में भारत ने 19 के स्कोर तक अपने शीर्षक्रम के चार विकेट खो दिए। मध्य्रकम में कप्तान मिताली (30) और ऋचा घोष (52) ने संघर्ष किया, जो मैच जिताने के लिए नाकाफी था।
केर ने लगाया चौथा वनडे अर्धशतक
अच्छी शुरुआत के बाद नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने आई केर ने अपने वनडे करियर का चौथा अर्धशतक सिर्फ 28 गेंदों में पूरा कर दिया। केर ने 33 गेंदों में 68 रनों की नाबाद पारी खेली। अपनी बल्लेबाजी के दौरान उन्होंने भारतीय गेंदबाजों की जमकर खबर ली और अपनी अर्धशतकीय पारी में 11 चौके और एक छक्का लगाया। केर ने चौथे विकेट के लिए सैटरथवेट (32 रन, 16 गेंदे) के साथ मिलकर 48 रनों की उपयोगी साझेदारी भी की।
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
केर के नाम वनडे क्रिकेट में न्यूजीलैंड की जमीं पर लगाया गया सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड रेबेका रोल्स (30 गेंद, बनाम भारत) के नाम था।
ऋचा घोष ने लगाया भारत की ओर से सबसे तेज अर्धशतक
लक्ष्य का पीछा करते हुए ऋचा घोष ने आक्रामक पारी खेली और सिर्फ 26 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। यह वनडे क्रिकेट में भारतीय महिला क्रिकेट की ओर से सबसे तेज अर्धशतक हो गया है। उन्होंने पांचवे विकेट के लिए मिताली के साथ मिलकर 77 रन जोड़े। उम्दा बल्लेबाजी कर श्री ऋचा 96 के स्कोर पर पांचवे विकेट के रूप में आउट हुई। उन्होंने 29 गेंदों में चार चौकों और छक्कों की मदद से 52 रन बनाए।
केर ने गेंदबाजी में भी कमाल किया
बल्लेबाजी में कमाल करने वाली केर ने गेंदबाजी में भी कमाल किया और अपने 3.5 ओवरों में 30 रन देकर तीन विकेट अपने नाम किए। भारत के आठ बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके।