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चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में ये कप्तान रहे सबसे सफल, जानिए उनके आंकड़े 
रिकी पोंटिग इस सूची में पहले स्थान पर हैं (तस्वीर: एक्स/@ICC)

चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में ये कप्तान रहे सबसे सफल, जानिए उनके आंकड़े 

Jan 15, 2025
07:26 pm

क्या है खबर?

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आगाज 19 फरवरी से होने जा रहा है। पहला मुकाबला पाकिस्तान क्रिकेट टीम और न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के बीच पाकिस्तान के कराची में खेला जाएगा। टूर्नामेंट का पहला सेमीफाइनल मुकाबला 4 मार्च और दूसरा सेमीफाइनल 5 मार्च को होना है। फाइनल मुकाबला 9 मार्च को होगा। पिछली बार 2017 में पाकिस्तान ने यह ट्रॉफी अपने नाम की थी। ऐसे में आइए इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के इतिहास के सबसे सफल कप्तान पर एक नजर डालते हैं।

#1

रिकी पोंटिग 

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज कप्तान रिकी पोटिंग सूची में पहले स्थान पर हैं। उन्होंने साल 2002 में पहली बार इस टूर्नामेंट में कप्तानी की थी। उन्होंने 16 मैचों में कंगारू टीम की कप्तानी की और इस दौरान 12 मुकाबले ऑस्ट्रेलिया ने जीते थे। 3 मैच में उसे हार मिली और 1 मैच में कोई नतीजा नहीं निकल पाया था। उनका जीत प्रतिशत 75 का रहा था। पोटिंग ने 2006 और 2009 में ऑस्ट्रेलिया को चैंपियन बनाया था।

#2

ब्रायन लारा

दूसरे स्थान पर वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ब्रायन लारा हैं। उन्होंने साल 1998 में पहली बार इस टूर्नामेंट में कप्तानी की थी। लारा ने 15 मैच में कप्तानी की और इस दौरान उनकी टीम को 11 मुकाबलों में जीत मिली थी। 4 मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा था। उनका जीत प्रतिशत 73.33 का रहा था। साल 2004 में लारा की ही कप्तानी में वेस्टइंडीज ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया था।

#3

स्टीफन फ्लेमिंग

न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग सूची में तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने इस टूर्नामेंट में कप्तान के तौर पर पहला मुकाबला साल 1998 में खेला था। साल 2006 तक उन्होंने 13 मैचों में कप्तानी की थी। इस दौरान 8 मैचों में टीम को जीत मिली और 5 में हार का सामना करना पड़ा था। उनका जीत प्रतिशत 61.53 का रहा था। न्यूजीलैंड ने साल 2000 में फ्लेमिंग की ही कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की थी।

#4

सौरव गांगुली 

सौरव गांगुली सूची में चौथे स्थान पर हैं। भारत के पूर्व कप्तान ने साल 2000 में पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी में कप्तानी की थी। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने 11 मैच खेले थे। इस दौरान टीम को 7 में जीत और 2 मैच में हार मिली थी। 2 मैच में कोई नतीजा नहीं निकला था। उनका जीत प्रतिशत 63.63 का था। साल 2002 में गांगुली की कप्तानी में ही श्रीलंका के साथ टीम संयुक्त रूप से विजेता बनी थी।