विश्व कप 2019: मीडिया ने भारतीय क्रिकेट टीम से बात करने का किया बहिष्कार, जानें कारण
क्रिकेट विश्व कप ऐसा टूर्नामेंट है जहां भारतीय मीडिया और भारतीय क्रिकेट टीम के रिश्ते खराब होते रहते हैं। 2015 विश्व कप में भारतीय मीडिया और नेशनल टीम के रिश्ते काफी खराब रहे थे और इस बार भी टूर्नामेंट शुरु होने से पहले ही दोनों में टकराव हो गया है। दरअसल, मीडिया से बातचीत के लिए भारतीय टीम के मीडिया मैनेजर ने कोच या सीनियर खिलाड़ियों की जगह नेट गेंदबाजों को भेजने की पेशकश की, जिससे पत्रकार नाराज़ हो गए।
कोच या फिर सीनियर खिलाड़ी के आने की थी उम्मीद
मीडिया के लोगों का कहना है कि विश्व कप का पहला मैच खेलने से मात्र दो दिन दूर भारतीय टीम के लिए मीडिया से बात करने के लिए कोच या फिर सीनियर खिलाड़ी को भेजना चाहिए था। हालांकि, सबकी उम्मीदों के विपरीत भारतीय क्रिकेट टीम के मीडिया मैनेजर ने इंतजार कर रहे पत्रकारों से कहा कि नेट गेंदबाज दीपक चहर, आवेश खान और खलील अहमद उनसे बात करने के लिए आएंगे।
पत्रकारों ने किया वार्ता का बहिष्कार
नेट गेंदबाजों को भेजने के फैसले से नाराज सीनियर पत्रकारों ने इस फैसले का जमकर विरोध किया और मीडिया मैनेजर से कहा कि यदि वे बातचीत को रद्द करना चाहते हैं तो वे ऐसा करने के लिए बिल्कुल फ्री हैं। पत्रकारों का कहना था कि जूनियर खिलाड़ियों से बात करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि उनके पास टीम को लेकर किए गए किसी भी सवाल का जवाब देने का अधिकार नहीं है।
भारत ने नहीं शुरु किया है विश्व कप अभियान- मीडिया मैनेजर
जब पत्रकारों ने मीडिया मैनेजर से पूछा कि सीनियर खिलाड़ियों की बजाय नेट गेंदबाजों को क्यों भेजा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि भारत ने अभी तक अपना विश्व कप अभियान ही शुरु नहीं किया है। हालांकि, उनका यह जवाब संतोषप्रद नहीं था, क्योंकि इतने बड़े टूर्नामेंट में यह हो पाना कैसे संभव है। शायद पत्रकारों को यह संदेश दिया जा रहा था कि उन्हें जो भी उपलब्ध कराया जाएगा उनको उसी से काम चलाना होगा।
खलील, चहर और आवेश भारतीय टीम के साथ गए थे इंग्लैंड
भारतीय बल्लेबाज़ों को नेट्स पर गेंदबाज़ी करने के लिए भारतीय टीम के साथ खलील अहमद, दीपक चहर और आवेश खान इंग्लैंड गए थे। वहीं, नवदीप सैनी इंजरी के चलते इंग्लैंड नहीं जा पाए थे।
2015 विश्व कप की याद हुई ताजा
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेले गए 2015 विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम और मीडिया के रिश्ते काफी खराब रहे थे। पूरे टूर्नामेंट के दौरान मैच के बाद मीडिया से बात करने के लिए कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी प्रेस कांफ्रेंस में पहुंचे रहते थे। हालांकि, मीडिया के लोग मैच के बाद मैच में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी से भी बात करना चाहते थे, लेकिन उन खिलाड़ियो का केवल BCCI की ऑफिशियल वेबसाइट द्वारा इंटरव्यू लिया जाता था।