भारतीय टी-20 टीम से कई सीनियर खिलाड़ी अगले साल हो सकते हैं बाहर- रिपोर्ट
टी-20 विश्व कप 2022 में भारतीय क्रिकेट टीम का सफर गुरुवार को समाप्त हो गया। दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में भारत को इंग्लैंड के हाथों 10 विकेट से हारकर दुर्भाग्यपूर्ण रूप से बाहर होना पड़ा। इस हार ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर क्या वजह रही कि सितारों से सजी टीम सेमीफाइनल से भी आगे नहीं बढ़ पाई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस प्रदर्शन के बाद कई खिलाड़ी खासकर सीनियर्स को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
अगले दो साल में बदलाव के दौर से गुजरेगी टीम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) टीम के प्रदर्शन से खासा नाराज है। आगामी दिनों में टीम में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। NDTV के अनुसार, अगले 24 महीनों के दौरान टीम बड़े बदलावों के दौर से गुजरेगी। संभावना है कि रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन को धीरे-धीरे टी-20 फॉर्मेट से बाहर कर दिया जाएगा। वैसे ऐसी उम्मीद कम ही है कि अश्विन और दिनेश कार्तिक अब छोटे फॉर्मेट में दिखाई दें।
अधिकांश सीनियर वनडे और टेस्ट मैचों पर ध्यान केंद्रित करेंगे
BCCI के एक सूत्र ने बातचीत में बताया, "BCCI कभी किसी को संन्यास लेने के लिए नहीं कहता है। यह एक व्यक्तिगत निर्णय है। लेकिन हां, 2023 में केवल कुछ टी-20 मैचों के साथ, अधिकांश सीनियर वनडे और टेस्ट मैचों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।" उन्होंने आगे कहा, "अगर आप नहीं चाहते हैं तो आपको संन्यास की घोषणा करने की जरूरत नहीं है। आप अगले साल ज्यादातर सीनियर्स को टी-20 खेलते हुए नहीं देखेंगे।"
खिलाड़ियों के संन्यास पर क्या बोल द्रविड़?
मैच के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने इस मुद्दे से जुड़े पत्रकारों की तीखे सवालों का सामना किया था। उन्होंने खुलकर कुछ नहीं कहा और मुद्दे से ध्यान हटाने का प्रयास किया। सीनियर्स के संन्यास के जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, "हमारे पास कुछ अच्छी गुणवत्ता वाले खिलाड़ी हैं, इसलिए इस बारे में बात करना या सोचने का बिल्कुल सही समय नहीं है। हमारे पास इस पर विचार करने के लिए कुछ साल हैं।"
छोटे फॉर्मेट से नदारद हो सकते कई खिलाड़ी
रोहित अभी 35 साल के हैं और अगले टी-20 विश्व कप में 37 साल के हो जाएंगे। इस टूर्नामेंट के अगले संस्करण में उनके नेतृत्व करने की उम्मीद नहीं है। टी-20 विश्व कप में फिनिशर के रूप में कार्तिक का चयन किया गया था, लेकिन वह सिर्फ अस्थाई व्यवस्था थी। अश्विन की बात करे तो वे टूर्नामेंट में अपना असर छोड़ने में नाकामयाब रहे। 8.15 की इकॉनमी से कुल छह में से उनके तीन विकेट जिम्बाब्वे मैच में आए।
आलोचनाओं के बावजूद अपना खेल बदलने में नाकाम रहे राहुल
केएल राहुल काफी आलोचनाओं के बावजूद अपने खेल को बदलने में नाकाम रहे। ऐसे प्रदर्शन के बाद आगामी टूर्नामेंट्स में उनका चयन मुश्किल नजर आ रहा है। वह शीर्ष टीमों में एकमात्र सलामी बल्लेबाज हैं, जिन्होंने दो मेडन ओवर खेले। छह में से चार मैचों में तो वे दहाई का आंकड़ा तक नहीं छू सके। बड़ी टीमों के खिलाफ (4 बनाम पाकिस्तान, 9 बनाम दक्षिण अफ्रीका और 9 बनाम इंग्लैंड) उन्होंने अपने प्रदर्शन से काफी निराश किया।
युवाओं के लिए खुलेंगे रास्ते
आगामी वर्षों में कई सीनियर्स के बाहर होने से युवाओं के लिए रास्ते खुलेंगे। शुभमन गिल और पृथ्वी शॉ जैसे युवाओं को लगातार मौके मिलने की संभावना है। पंत को लगातार मौके तो मिल रहे हैं, लेकिन वह अपनी भूमिका के साथ ठीक से न्याय नहीं कर पा रहे हैं। गेंदबाजी में अर्शदीप सिंह ने काफी प्रभावित किया है, उमरान मलिक को अपना असर दिखाना बाकि है। कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को नियमित मौके मिलने की संभावना है।
अब वनडे विश्व कप पर फोकस करेगा भारत
भारत में अगले साल वनडे विश्व कप का आयोजन होगा। अब टीम टी-20 मैचों की बजाय अधिक से अधिक वनडे मैचों को खेलने पर ध्यान केंद्रित करेगी। भारत के अगले साल के क्रिकेट कैलेंडर पर नजर डालें तो उसमें भी यही बात सामने आती है। विश्व कप से पूर्व भारत कम से कम 25 वनडे मैच खेलेगा। अगले सप्ताह भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज भी खेलेगा। अगले साल टी-20 मैचों की संख्या केवल 12 ही होगी।