
वापसी के लिए भारतीय खिलाड़ियों को 6-8 हफ्तों का ट्रेनिंग कैंप चाहिए होगा- भरत अरुण
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ा दिया गया, लेकिन इस बार खिलाड़ियों को जरूरी छूट दी गई है।
खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए स्टेडियम खोल दिए गए हैं, लेकिन फिलहाल भारतीय क्रिकेट टीम ट्रेनिंग पर नहीं लौट सकी है।
भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण का कहना है कि भारतीय खिलाड़ियों को कम से कम 6-8 हफ्तों के ट्रेनिंग कैंप की जरूरत होगी।
बयान
खिलाड़ियों को होगी 6-8 हफ्तों के ट्रेनिंग की जरूरत- अरुण
लॉकडाउन के बीच BCCI अपने खिलाड़ियों की फिटनेस मेंटेन रखने की कोशिश कर रह है और वे अपने खिलाड़ियों की वापसी सही तरीके से कराना चाहते हैं।
टीम मैनेजमेंट ने तय कर लिया है कि खिलाड़ियों को छह से आठ हफ्तों के ट्रेनिंग कैंप की जरूरत होगी।
अरुण ने कहा, "जब भी इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी होती है तो हमारी प्राथमिकता है कि हम इससे पहले ही खुद को इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए तैयार कर सकें।"
वर्तमान परिस्थिति
खिलाड़ियों के पास नहीं ज़्यादा खाली जगह- अरुण
मोहम्मद शमी ने लॉकडाउन शुरु होने से ठीक पहले ही अपने गांव जाने का फैसला कर लिया था और उनके पास ट्रेनिंग से लेकर एक्सरसाइज करने तक काफी जगह मौजूद है।
अरुण ने कहा, "फिलहाल हर खिलाड़ी खाली जगह पाने का सौभाग्य नहीं हासिल कर सका है। कुछ अपार्टमेंट में फंसे हैं तो वहीं किसी के पास जिम के लिमिटेड सामान हैं। शमी काफी भाग्यशाली है क्योंकि उसके पास काफी जगह है।"
वापसी
इस प्रकार कराई जा सकती है खिलाड़ियों की वापसी
भारतीय खिलाड़ी लंबे समय से मैदान पर नहीं उतरे हैं और ऐसे में पहले उनकी फिटनेस परखी जाएगी।
फिटनेस के बाद खिलाड़ियों को स्किल ट्रेनिंग का मौका दिए जाएगा और इसके साथ ही उनकी मैच फिटनेस भी देखी जाएगी।
खिलाड़ियों को मैच में उतारकर और घरेलू क्रिकेट के मुकाबले खिलाकर उन्हें मैच का अनुभव दिया जा सकता है।
यही कारण है कि मैनेजमेंट को 6-8 हफ्तों के समय की जरूरत है।
ट्रेनिंग
खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए BCCI ने अभी नहीं लिया है कोई फैसला
भले ही सरकार ने खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए स्टेडियम खोलने के आदेश दे दिए हैं, लेकिन BCCI ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
BCCI कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने अपने बयान में साफ कर दिया था कि फिलहाल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ी ट्रेनिंग पर नहीं लौटेंगे।
हालांकि, लोकल लेवल पर स्टेट एसोसिएशन से बात करके ट्रेनिंग शुरु कराई जा सकती है।