कोयला क्षेत्र में खत्म होगा सरकार का एकाधिकार, वित्त मंत्री ने की ये बड़ी घोषणाएं
कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की जानकारी देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, एयरस्पेस मैनेजमेंट एंड एयरपोर्ट्स, मैंटनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल (MRO), बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सुधारों का ऐलान किया। आइये, उनकी आज की बड़ी घोषणाओं पर एक नजर डालते हैं।
सरकार का फोकस बुनियादी सुधारों पर- सीतारमण
वित्त मंत्री ने चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सुधारों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का रिकॉर्ड शानदार सरकार का फोकस बुनियादी सुधारों पर है। कोरोना वायरस संकट के कारण कई सेक्टर मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। सीतारमण ने कहा कि भारत को कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहना होगा। इसके लिए जिन बदलावों की जरूरत होगी, सरकार उनके लिए तैयार है। बड़े सुधारों को लागू करने में प्रधानमंत्री मोदी का रिकॉर्ड शानदार रहा है।
कोयला क्षेत्र में खत्म होगा सरकार का एकाधिकार
वित्त मंत्री ने कहा कि कोयला क्षेत्र में मौके बढ़ाने के लिए सरकार 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कोयला क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार खत्म होगा। सरकार कोयला खदानों की नीलामी करेगी, जिससे कमर्शियल माइनिंग शुरू हो पाएगी। जो कंपनी समय से पहले माइनिंग का काम करेगी उन्हें इन्सेंटिव दिया जाएगा। कोयला से होने वाले प्रदूषण से बचने के लिए इसे गैस में बदलने वालों को भी सरकार प्रोत्साहन देगी ताकि पर्यावरण पर बुरा असर न पड़े।
खनिज सेक्टर में होगा निजी निवेश
वित्त मंत्री ने कहा कि खनिज सेक्टर में विकास के मौके हैं। इसमें निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। मिनरल इंडेक्स बनाने के साथ-साथ टैक्स सिस्टम को आसान करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। आत्मनिर्भर भारत पैकेज की चौथी किस्त का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी होगी। इन्हें लेने वाले लोग इनका ट्रांसफर कर सकेंगे। इसके अलावा कैप्टिव और नॉन कैप्टिन माइन्स की परिभाषा में बदलाव किया जाएगा।
रक्षा उत्पादन में FDI 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत
सीतारमण ने कहा कि रक्षा उत्पादन क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' पर जोर दिया जाएगा। आयात न किए जाने वाले उत्पादों की सूची बनेगी। सेना के आधुनिक हथियार और उनके कलपुर्जे भी भारत में बनाए जाएंगे। साथ ही रक्षा उत्पादन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की जाएगी। ऑर्डिनंस फैक्ट्री बोर्ड का निगमीकरण होगा ताकि कामकाज में सुधार हो। साथ ही समय पर रक्षा सौदों को समय पर पूरे करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
अब छोटे रास्तों से उड़ेंगे नागरिक विमान
वित्त मंत्री ने कहा कि एयरस्पेस में पाबंदियों के कारण भारतीय नागरिक विमानों को लंबे रास्ते लेने पड़ते हैं। दो महीनों में सैन्य विभागों के साथ मिलकर इस मामले को सुलझाया जाएगा। इससे विमानन कंपनियों को 1,000 करोड़ रुपये का फायदा होगा। साथ ही ईंधन की बचत होगी और यह पर्यावरण को भी फायदा पहुंचाएंगा। उन्होंने कहा कि प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के जरिये एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए छह एयरपोर्ट की नीलामी जल्द होगी।
भारत में होगी विमानों की मरम्मत
वित्त मंत्री ने कहा कि मैंटनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉलिंग (MRO) के जरिये देश को विमानों की मरम्मत का हब बनाया जाएगा। विमानों की मरम्मत अगर भारत में होगी तो इससे हर साल 800-2,300 करोड़ रुपये की बचत होगी। अभी तक भारतीय कंपनियों और सेना के विमान मरम्मत के लिए विदेश जाते हैं। अगर इनकी मरम्मत और बाकी काम भारत में हो सकेंगे तो इससे देश में रोजगार बढ़ेंगे और विमानों को विदेश नहीं जाना पड़ेगा।
केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली कंपनियों का होगा निजीकरण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली कंपनियों का निजीकरण होगा। इससे विद्युत उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
ये रहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस की अन्य बड़ी घोषणाएं
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने ये बड़ी घोषणाएं भी की- अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों को मौका दिया जाएगा। निजी क्षेत्र भी ISRO की सुविधाओं का प्रयोग कर सकेगा। रिसर्च रिएक्टर PPP मॉडल में स्थापित किए जाएंगे। परमाणु ऊर्जा से संबंधित सुधारों को तेज किया जाएगा। मेडिकल उपकरणों के उत्पादन के लिए PPP मॉडल से कंपनियां बनेंगी। रेडिएशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से भंडारण बढ़ाया जाएगा, जिससे कृषि क्षेत्र को फायदा होगा।
पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बड़ी घोषणाएं हुईं?
लघु, मध्यम, कुटीर लघु उद्योगों (MSME) को 3 लाख करोड़ रुपये के लोन प्रदान किए जाएंगे। MSME की परिभाषा में भी बदलाव किया गया है और ज्यादा टर्नओवर पर भी उनका दर्जा खत्म नहीं होगा। 200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद में वैश्विक टेंडर्स खत्म। अगले तीन महीने तक सरकार 15,000 से कम वेतन वाले कर्मचारियों के EPF पीएफ देना जारी रखेगी। NBFC, MFC और HFC के लिए 30,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम।
दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बड़ी घोषणाएं हुईँ?
अगले दो महीने प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन के लिए 3,500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बिना कार्ड वाले मजदूरों को पांच किलो गेंहू-चावल और एक किलो चना दिया जाएगा। 'वन नेशन, वन कार्ड' योजना को लागू करने का ऐलान। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक योजना लॉन्च की जाएगी जिसके तहत प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को सस्ते में मकान किराए पर प्रदान किए जाएंगे। मुद्रा शिशु लोन के दायरे में आने वालों को ब्याज में राहत दी।
तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बड़ी घोषणाएं हुईँ?
माइक्रो फूड उद्यमों को तकनीकी अपग्रेडेशन के लिए 10,000 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे। 20,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का ऐलान। पशुपालन से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये का फंड बनाने का ऐलान। किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया जाएगा और अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दाल, प्याज और आलू को विनियमित किया जाएगा। मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये दिए गए।