
#BirthdaySpecial: भारतीय टीम के सबसे अंडररेटेड बल्लेबाजों में से एक हैं, जानिए कैसे
क्या है खबर?
भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के उप-कप्तान अजिंक्या रहाणे शनिवार को 32 साल के हो गए हैं।
2011 में भारत के लिए अपना डेब्यू करने वाले रहाणे ने शुरुआत में लिमिटेड ओवर्स के मुकाबले खेले, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें टेस्ट फॉर्मेट का बल्लेबाज बना दिया गया।
रहाणे ने 2018 से एक भी वनडे मुकाबला नहीं खेला है और वह भारतीय टीम के सबसे अंडररेटेड बल्लेबाजों में से एक हैं।
आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर ऐसा क्यों है।
शुरुआत
ओपनर के तौर पर किया लिमिटेड ओवर्स डेब्यू
2011 में इंग्लैंड दौरे पर शिखर धवन के चोटिल हो जाने के बाद रहाणे ने ओपनिंग करते हुए अपना टी-20 इंटरनेशनल डेब्यू किया था। उसी दौरे पर उन्होंने अपना वनडे डेब्यू भी किया।
घरेलू क्रिकेट में भी रहाणे मुंबई के लिए ओपनर के तौर पर खेलते थे।
वनडे में ओपनर के तौर पर रहाणे ने 54 पारियों में 36.55 की औसत के साथ 1,937 रन बनाए हैं जिसमें तीन शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं।
बदलाव
धीरे-धीरे होने लगा बल्लेबाजी क्रम में प्रयोग
लिमिटेड ओवर्स में रहाणे को ओपनिंग के अलावा तीन से लेकर सात नंबर तक बल्लेबाजी कराई गई।
नंबर चार के बल्लेबाज के लिए 40 की औसत अच्छी मानी जा सकती है। रहाणे ने इस नंबर पर खेलते हुए 25 पारियों में 36 से ज्यादा की औसत से 843 रन बनाए हैं।
भारतीय टीम में चार नंबर के स्थान के लिए बहुत प्रयोग हुए हैं, लेकिन रहाणे को वो तवज्जो नहीं दी गई जो उन्हें मिलनी चाहिए थी।
नंबर-4 पोजीशन
रायडू को मौका देने के लिए दी गई रहाणे की बलि
भारतीय टीम मैनेजमेंट ने नंबर-4 पर अंबाती रायडू को मौका देने के लिए रहाणे को टीम से बाहर किया था।
रायडू ने 2018 और 2019 में मिलाकर 21 वनडे खेले और 639 रन बनाए।
2019 विश्वकप से ठीक पहले रायडू की फॉर्म में गिरावट आई और उन्हें विश्वकप टीम में नहीं चुना गया, लेकिन उनके नाम की जगह रहाणे के नाम का जिक्र नहीं हुआ।
धवन के चोटिल होने पर भी ओपनिंग के लिए रहाणे की तरफ नहीं देखा गया।
टेस्ट क्रिकेट
धीरे-धीरे वन फॉर्मेट बल्लेबाज बना दिए गए रहाणे
2016 से 2018 के बीच रहाणे को टेस्ट में ज़्यादा मौके दिए जा रहे थे और वनडे से उन्हें धीरे-धीरे हटाया जा रहा था।
वनडे में मिल रह कम मौकों का भी भरपूर फायदा उठाने के बावजूद रहाणे को धीरे-धीरे वन फॉर्मेट प्लेयर बनाया जा रहा था।
2016 से 2018 के बीच रहाणे ने 27 वनडे तो वहीं 33 टेस्ट मैच खेले थे। 2018 के बाद रहाणे वनडे टीम में वापस नहीं आ सके हैं।
विदेश में प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में बेहतरीन रही है रहाणे की वनडे औसत
रहाणे ने वनडे करियर में 90 में से 44 मैच विदेशी धरती पर खेले हैं।
रहाणे का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में काफी बेहतरीन रहा है। ऑस्ट्रेलिया में उनकी औसत 45 और इंग्लैंड में 39 की रही है।
विदेशी धरती पर खेले 44 वनडे की 42 पारियों में रहाणे ने 35.87 की औसत के साथ 1,435 रन बनाए हैं जिसमें दो शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं।
डाटा
टेस्ट में बेस्ट हैं रहाणे
टेस्ट में रहाणे ने पांच नंबर पर सबसे ज़्यादा 86 पारियां खेली हैं जिनमें करीब 40 की औसत के साथ 3,194 रन बनाए हैं। इसमें आठ शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट में सात नंबर पर एक पारी खेलकर रहाणे ने शतक लगाया है।
अनुभव
रहाणे के पास टी-20 और वनडे का है काफी अनुभव
140 IPL मैचों में 3,820 रन बनाने वाले रहाणे के पास अनुभव की कोई कमी नहीं है और 2018 सीजन में वह राजस्थान रॉयल्स के कप्तान भी रहे थे।
पिछले सीजन रहाणे ने 14 मैच में 33 की औसत और 138 की स्ट्राइक-रेट के साथ 393 रन बनाए थे।
रहाणे के पास 196 टी-20 और 167 लिस्ट-ए मैच खेलने का अनुभव है। वह राजस्थान रॉयल्स के लिए सबसे ज़्यादा 2,705 रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं।
सवाल
क्या टीम से बाहर किए जाने के हकदार थे रहाणे?
2018 में रहाणे ने अपनी आखिरी वनडे सीरीज़ की पांच पारियों में 140 रन बनाए थे।
दक्षिण अफ्रीका में खेली गई इस सीरीज़ में रोहित शर्मा छह पारियों में 170 और एमएस धोनी चार पारियों में केवल 69 रन बनाए थे।
रोहित और धोनी की जगह तो टीम में बची रही, लेकिन रहाणे को तब से लेकर आज तक वनडे टीम में वापसी के लायक नहीं समझा गया।
रहाणे वह बल्लेबाज हैं, जिनकी अहमियत भारतीय मैनेजमेंट नहीं समझ पाई है।