गरीबी को मात देकर फुटबॉल की दुनिया पर राज करने वाले 5 फुटबॉल स्टार
फुटबॉल एक ऐसा खेल है जो लोगों को काफी प्रेरणा देता है। फुटबॉल को चाहने वाले तमाम दिक्कतों को पार करते हुए भी इस खेल को काफी कुछ देने का ज़ज़्बा रखते हैं। बहुत फुटबॉल स्टार्स रहे हैं जिन्होंने मैदान में फुटबॉल फैंस को अनगिनत यादें दी हैं जो उनके जेहन में हमेशा ताजा रहेंगी। हालांकि, तमाम फुटबॉलर्स का बचपन बहुत बढ़िया नहीं रहा, लेकिन उन्होंने गरीबी और तंगहाली से लड़ते हुए खुद को फुटबॉल का सुपरस्टार बनाया।
जूते खरीदने के लिए भी नहीं थे पैसे
वर्तमान समय में बार्सिलोना और उरुग्वे नेशनल टीम के स्टार खिलाड़ी लुइस सुआरेज़ का बचपन बेहद गरीबी में बीता था। सात साल की उम्र में सुआरेज़ गलियों में नंगे पैर फुटबॉल खेलते थे। जब वह 12 साल के हुए तब तक उनके पिता उन्हें छोड़कर जा चुके थे। सुआरेज़ का परिवार उन्हें जूते खरीदकर देने में असमर्थ था, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार संघर्ष करके खुद को विश्व के बेस्ट स्ट्राइकर्स में से एक बनाया है।
मां की मदद करने के लिए धोते थे गाड़ियां
चिली के स्टार खिलाड़ी अलेक्सिस सांचेज़ की मां उन्हें पालने के लिए स्कूल में सफाई करने का काम करती थीं। सांचेज़ को यह बात काफी दुखी करती थी और वह अपनी मां की सहायता के लिए गाड़ियां धोने लगे। यदि सांचेज़ फुटबॉलर के तौर पर सफल नहीं होते तो वह टोकोपिला के कोयले की खान में काम कर रहे होते। हालांकि, साचेज़ की कड़ी मेहनत ने उन्हें बार्सिलोना, आर्सनल और मैनचेस्टर यूनाइटेड जैसे क्लबों तक पहुंचाया है।
शरणार्थी शिविर में बीता बचपन, आज हैं फुटबॉल जगत के सितारे
लूका मॉड्रिच ने बीते साल हुए फीफा वर्ल्ड कप में गोल्डेन बॉल का खिताब और इस साल बैलन डे ऑर खिताब जीता है। रियल मैड्रिड के लिए खेलने वाले मॉड्रिच का बचपन काफी संघर्षों भरा रहा। मात्र पांच साल की उम्र में मॉड्रिच ने क्रोएशिया के युद्ध में अपने दादा को खो दिया था। इसके बाद उनका बचपन एक शरणार्थी शिविर में बीता जिसके पार्किंग एरिया में वह फुटबॉल खेला करते थे।
मुश्किलों का सामना करके बने फुटबॉलर
याया तुरे ने बार्सिलोना और मैनचेस्टर सिटी जैसे क्लबों के लिए खेला है और वह एक बेहतरीन मिडफील्डर हैं। आइवरी कोस्ट में जन्में तुरे का कहना है कि, "फुटबॉल खेलने के लिए जूते इतने महंगे थे कि उन्हें खरीद पाना असंभव था। जब आप सात लोगों के परिवार में रहते हैं तो आप भूलकर भी पिता से फुटबॉल बूट खरीदने के लिए नहीं कह सकते हैं।" हालांकि, तुरे ने अपनी मेहनत और लगन से खुद को सफल फुटबॉलर बनाया।
स्वीडन के छोटे से शहर से निकलकर फुटबॉल की दुनिया पर राज करने वाला खिलाड़ी
3 अक्टूबर 1981 को स्वीडन के शहर माल्मो में ज़्लाटन इब्राहिमोविच का जन्म हुआ था। ज़्लाटन के पिता एक छोटे-मोटे ठेकेदार और मां क्लीनर का काम करती थी। रिफ्यूजी होने के चलते ज़्लाटान को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन आज वह एक लेजेंड हैं। अपने करियर में ज़्लाटान ने यूरोप की टॉप-4 लीग्स के बड़े क्लबों को रिप्रेजेंट किया है। उनके नाम 30 से ज्यादा मेजर ट्रॉफीज हैं। उन्होंने 500 से ज्यादा करियर गोल्स किए हैं।