वॉर्न-मुरली को देखकर काफी सीखा, पता नहीं क्यों वॉर्न से मेरी तुलना करते थे- अनिल कुंबले
क्या है खबर?
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच अनिल कुंबले हाल ही में पोम्मी म्बांग्वा के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट करते दिखाई दिए थे।
इसी दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें अब तक नहीं समझ आया है कि लोग शेन वॉर्न के साथ उनकी तुलना क्यों करते थे।
कुंबले ने इस बात पर भी चर्चा की कि टेस्ट में तीसरा सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज होने पर उन्हें कैसा महसूस होता है।
बयान
पता नहीं क्यों वॉर्न से होती थी मेरी तुलना- कुंबले
कुंबले ने कहा, "मुझे नहीं पता लोग मेरी तुलना वॉर्न से क्यों करते थे। वॉर्न बेहद अलग तरीके के गेंदबाज थे और वह अलग लेवल पर थे।"
उन्होंने आगे यह भी कहा कि मुरलीधरन और वॉर्न के साथ खेलने के दौरान तीनों में काफी तुलना हुई, लेकिन यह सही नहीं था।
कुंबले ने कहा, "मुरली और वॉर्न किसी भी सतह पर गेंद टर्न करा सकते हैं। उनको देखकर मैंने काफी कुछ सीखा है।"
बयान
इतने विकेटों के साथ करियर खत्म करना शानदार- कुंबले
कुंबले ने कहा, "इतने सारे विकेट के साथ करियर समाप्त करना शानदार है। मैंने कभी आंकड़े या औसत पर ध्यान नहीं दिया और मैं पूरे दिन गेंदबाजी करके विकेट हासिल करना चाहता था।"
उपलब्धि
कुंबले और वॉर्न हैं सबसे सफल लेग-स्पिनर्स
वॉर्न ने टेस्ट करियर में 708 विकेट लिए हैं तो वहीं कुंबले ने 619 विकेट हासिल किए हैं।
वनडे की बात करें तो कुंबले के नाम 337 और वॉर्न के नाम 293 विकेट दर्ज हैं।
इंटरनेशनल करियर में 1,001 विकेट लेने वाले वॉर्न केवल दूसरे ऐसे गेंदबाज हैं जिसने 1,000 या उससे ज़्यादा विकेट लिए हैं।
कुंबले (956 विकेट) तीसरे सबसे ज़्यादा इंटरनेशनल विकेट लेने वाले गेंदबाज और दूसरे सबसे सफल लेग-स्पिनर हैं।
रिकॉर्ड्स
कुंबले के नाम हैं कुछ दिलचस्प रिकॉर्ड्स
कुंबले ने 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला और इकलौता टेस्ट शतक लगाया था। यह कुंबले के करियर का 118वां टेस्ट था।
इसके साथ ही कुंबले के नाम सबसे ज्यादा टेस्ट मैचों में पहला शतक लगाने का रिकॉर्ड हो गया था।
टेस्ट में 2,000+ रन और 500+ विकेट लेने वाले कुंबले विश्व के दूसरे खिलाड़ी हैं।
कुंबले दुनिया के पहले लेग स्पिनर हैं, जिन्होंने अपने देश के लिए कप्तानी भी की है।