एशिया कप 2023, फाइनल: श्रीलंका बनाम भारत मुकाबले में खिलाड़ियों के प्रदर्शन का विश्लेषण
एशिया कप 2023 के फाइनल मुकाबले में रविवार को भारतीय क्रिकेट टीम ने श्रीलंका को 10 विकेट से हराकर खिताब जीत लिया। 5 अक्टूबर से भारत में वनडे विश्व कप खेला जाएगा। इस लिहाज से यह जीत भारत के लिए काफी अहम मानी जाएगी। श्रीलंका ने पहले खेलते हुए 50 रन बनाए, जवाब में भारत ने 6.1 ओवर में 51 रन बनाकर मैच जीत लिया। आइए जानते हैं मैच में किन खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा रहा और किसने निराश किया।
मोहम्मज सिराज की रिकॉर्ड गेंदबाजी ने मन मोहा
मोहम्मद सिराज ने इस मुकाबले में रिकॉर्ड गेंदबाजी की। उन्होंने 3.00 की इकॉनमी से गेंदबाजी करते हुए 7 ओवर में केवल 21 रन खर्च करते हुए 6 विकेट हासिल किए। चमिंडा वास के बाद सिराज (16 गेंद) वनडे में सबसे कम गेंदों में 5 विकेट लेने वाले संयुक्त रूप से पहले गेंदबाज बने। सिराज एशिया कप में 6 विकेट हॉल लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने। उनसे पहले अजंता मेंडिस (6/13 खिलाफ भारत, कराची 2008) ने ऐसा किया था।
हार्दिक पांड्या ने भी की प्रभावशाली गेंदबाजी
इस मुकाबले में सिराज के रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन के बीच हार्दिक पांड्या का शानदार प्रदर्शन का प्रभाव हल्का पड़ गया। उन्होंने 1.30 की बेहद किफायती इकॉनमी रेट से गेंदबाजी करते हुए 2.2 ओवर में केवल 3 रन खर्च करके 3 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। श्रीलंका के निचले क्रम के बल्लेबाजों को जल्दी आउट करने में हार्दिक की बड़ी भूमिका रही। एशिया कप में हार्दिक ने अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से काफी प्रभावित किया।
जसप्रीत बुमराह ने की दबाव बनाने की शुरुआत
अनुभवी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के प्रदर्शन को भी इस मुकाबले कम नहीं आंका जा सकता। उन्होंने भले ही पारी में 1 विकेट लिया लेकिन श्रीलंका के पतन की शुरुआत उन्होंने ने ही की थी। पारी की तीसरी गेंद पर उन्होंने कुसल परेरा (0) को विकेटकीपर केएल राहुल को हाथों कैच करवाकर आउट किया। मैच में उन्होंने 4.60 की इकॉनमी रेट से गेंदबाजी करते हुए 5 ओवर में 23 रन देकर 1 विकेट लिया। उन्होंने 1 ओवर मेडन भी फेंका।
श्रीलंका के बल्लेबाजों ने किया बेहद निराश
फाइनल जैसे बड़े मुकाबले में श्रीलंकाई बल्लेबाजों को इस प्रकार आसानी से समर्पण करना काफी हैरानी भरा रहा। श्रीलंका घरेलू परिस्थितियों की अभ्यस्त होने के बावजूद पिच को पढ़ने में नाकाम साबित हुई। टीम की ओर से केवल 2 बल्लेबाजों कुसल मेंडिस (17) दुशान हेमंथा (13) ही दहाई का आंकड़ा छू सके। 9 बल्लेबाज तो दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंच सके और उनमें से भी 4 बल्लेबाज तो खाता तक खोलने को तरस गए।