बांग्लादेश-श्रीलंका कोच के विरोध के बाद बैकफुट पर आए SLC-BCB, पूर्व सहमति पर की पुष्टि
श्रीलंका क्रिकेट (SLC) और बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने एक बयान जारी कर पुष्टि की है कि 10 सितंबर को केवल पाकिस्तान बनाम भारत सुपर फोर मुकाबले के लिए 'रिजर्व डे' रखने का निर्णय सभी की सहमति से लिया गया था। इससे पूर्व बांग्लादेश और श्रीलंका के कोचों ने इस फैसले का विरोध किया था। हालांकि, अब सदस्य देशों की पुष्टि के बाद विवाद का अंत हो गया है। आइए इस खबर पर और अधिक जानते हैं।
पुष्टि से पहले अटकलों का बाजार रहा गर्म
SLC और BCB दोनों ने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर पुष्टि की कि वे निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल थे, जिसके कारण भारत और पाकिस्तान सुपर-4 मुकाबले के लिए एक आरक्षित दिन रखने पर आपसी सहमति बनी। भारत और पाकिस्तान मैच के लिए एक आरक्षित दिन रखने के निर्णय की जानकारी शुक्रवार को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) द्वारा सोशल मीडिया के जरिए की गई थी। इसके बाद से ही तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी।
BCB और SLC ने क्या कहा?
BCB ने कहा, "एशिया कप सुपर-4 चरण में भारत-पाकिस्तान मैच के लिए एक रिजर्व डे जोड़ा गया है, जिससे एशिया कप खेलने की स्थिति में प्रभावी रूप से संशोधन हुआ है। स्थिति को स्पष्ट करने के लिए, सभी 4 भाग लेने वाली टीमों और ACC की सहमति से निर्णय लिया गया।" SLC ने कहा, "एशिया कप सुपर-4 चरण की भारत-पाकिस्तान मैच के लिए रिजर्व डे सुपर-4 प्रतिस्पर्धी टीमों के सभी 4 सदस्य बोर्डों के परामर्श से लिया गया था।"
विरोधियों ने लगाया भेदभाव का आरोप
इस फैसले पर जल्द ही सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। विरोधियों ने सवाल उठाया कि सिर्फ पाकिस्तान और भारत के मैच और फाइनल के लिए ऐसी विशेष व्यवस्था क्यों की जा रही है। भारत-पाकिस्तान मैच के अलावा सुपर-4 चरण के दौरान 4 अन्य मैच भी खेले जाएंगे। विरोधी की वजह यही थी कि अन्य मुकाबलों के रद्द होने की स्थिति में रिजर्व डे नहीं होगा। एशिया कप 2023 का फाइनल मुकाबला 17 सितंबर को खेला जाएगा।
क्या प्रसारणकर्ता और प्रायोजकों की वजह से लिया गया निर्णय?
जैसे ही इस मामले में विरोध चरम पर पहुंचा SLC और BCB ने आगे आकर इस मामले पर स्पष्टता जारी कर दी। हालांकि, जैसे ही बांग्लादेश और श्रीलंका टीम के कोचों को इस बात की जानकारी मिली तो वे इस फैसले से ज्यादा खुश नहीं दिखे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ऐसा लगता है कि भारत-पाकिस्तान मुकाबले के लिए आरक्षित दिन रखने का निर्णय इसमें शामिल हितधारकों की वजह से लागू हुआ है, जिसमें प्रसारणकर्ता और प्रायोजक भी शामिल हैं।
श्रीलंकाई कोच सिल्वरवुड ने फैसले पर उठाए थे सवाल
श्रीलंका के मुख्य कोच क्रिस सिल्वरवुड ने पहले कहा था, "ईमानदारी से कहूं तो मैं इसे केवल एक समस्या बनता हुआ देखता हूं। यह अन्य टीमों को अंक प्रदान करने की व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है।" हालांकि, बाद में उन्होंने अपने सुर बदले और कहा, "मुझे इस पर और कोई टिप्पणी नहीं करनी है क्योंकि उन्होंने पहले ही निर्णय ले लिया है। अगर उन्होंने हमसे पहले सलाह ली होती तो हम अपनी राय देते।"
बांग्लादेश के कोच ने भी की थी आलोचना
बांग्लादेश के कोच चंडिका हथुरासिंघा ने कहा था, "यह निर्णय आदर्श नहीं है क्योंकि वह भी एक आरक्षित दिन को प्राथमिकता देते।" उन्होंने आगे कहा था, "एशिया कप में एक तकनीकी समिति है जिसका प्रतिनिधित्व प्रत्येक भाग लेने वाले 6 देश देशों द्वारा किया जाता है। हो सकता है कि उन्होंने किसी अन्य कारण से यह निर्णय लिया हो। यह आदर्श नहीं है क्योंकि हम भी एक अतिरिक्त दिन चाहते होंगे।"
अन्य टीमों को क्या नुकसान होगा?
निश्चित रूप से भारत और पाकिस्तान के मैच के लिए रिजर्व डे रखना किसी भेदभाव से कम नहीं है। इन दोनों टीमों के लिए यह अतिरिक्त फायदे की तरह होगा, क्योंकि अन्य टीमों को ऐसी सुविधा नहीं दी गई है। टू्र्नामेंट नियमों के अनुसार, मैच रद्द होने की स्थिति में दोनों टीमों को 1-1 अंक बांटा जाता है। वर्तमान टूर्नामेंट में दो मैच बारिश के चलते प्रभावित हुए हैं। पहला भारत-पाकिस्तान का और दूसरा भारत-नेपाल का।