कौन हैं गूगल डीपमाइंड के सह-संस्थापक डेमिस हसाबिस, जिन्हें मिला नोबेल पुरस्कार?
गूगल डीपमाइंड के सह-संस्थापक सर डेमिस हसाबिस को रसायन विज्ञान में 2024 का नोबेल पुरस्कार मिला है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा यह पुरस्कार हसाबिस और जॉन एम जम्पर को 'प्रोटीन संरचना की भविष्यवाणी' के लिए संयुक्त रूप से दिया गया है। हसाबिस का जन्म 27 जुलाई, 1976 को यूनाइटेड किंगडम (UK) के लंदन में हुआ था। वह एक प्रसिद्द ब्रिटिश कंप्यूटर वैज्ञानिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के शोधकर्ता हैं।
हसाबिस ने कहां से की है पढ़ाई?
हसाबिस की प्रारंभिक शिक्षा क्वीन एलिजाबेथ स्कूल में हुई, जहां उन्होंने 1988 से 1990 तक पढ़ाई की और इसके बाद कुछ समय उनके माता-पिता ने उन्हें घर पर ही पढ़ाया। उन्होंने इसके बाद स्कूल क्राइस्ट कॉलेज से अध्ययन किया और 16 वर्ष की आयु में अपनी A-लेवल परीक्षा को पास किया। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के क्वींस कॉलेज में दाखिला लिया और 1997 में कंप्यूटर साइंस में डबल फर्स्ट के साथ स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
2010 में हसाबिस ने की डीपमाइंड की स्थापना
हसाबिस ने 2009 में UCL में एलेनोर मैगुएर की देखरेख में नए AI एल्गोरिदम के लिए मानव मस्तिष्क से प्रेरणा खोजने का काम शुरू किया। उन्होंने MIT में टॉमसो पोगियो और हार्वर्ड में शोध जारी रखा और बाद में उन्होंने UCL के गैट्सबी कम्प्यूटेशनल न्यूरोसाइंस यूनिट में हेनरी वेलकम पोस्टडॉक्टोरल रिसर्च फेलोशिप प्राप्त की। 2010 में हसाबिस ने शेन लेग और मुस्तफा सुलेमान के साथ मिलकर लंदन में डीपमाइंड की स्थापना की, जहां वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हैं।
इतने पुरस्कार हासिल कर चुके हैं हसाबिस
हसाबिस रॉयल सोसाइटी के फेलो हैं और अल्फाफोल्ड पर काम के लिए कई पुरस्कार जैसे ब्रेकथ्रू पुरस्कार, कनाडा गेर्डनर इंटरनेशनल अवार्ड और लास्कर अवार्ड जीत चुके हैं। 2017 में उन्हें CBE की उपाधि मिली और वे टाइम्स के 100 की सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल हुए। 2020 में हसाबिस ने जम्पर के साथ मिलकर अल्फाफोल्ड-2 नामक AI मॉडल विकसित किया, जो 20 करोड़ प्रोटीन की संरचना की भविष्यवाणी कर सकता है, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला है।