
अब तक कौन-कौन से देश मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक लॉन्च कर चुके हैं अपना मिशन?
क्या है खबर?
दुनिया के कई देश मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को समझने और उसकी सतह व वातावरण का अध्ययन करने के लिए लगातार मिशन भेज रहे हैं।
अमेरिका, भारत और चीन जैसे देशों ने अब तक कई सफल मिशन भेजे हैं। ये मिशन कभी उसकी कक्षा तक पहुंचे हैं, तो कभी जमीन पर उतरकर रोवर के जरिए काम किया है।
आइए जानते हैं अब तक किन-किन देशों ने मंगल ग्रह तक सफल मिशन भेजे हैं।
अमेरिका
अमेरिका के सबसे ज्यादा सफल मिशन
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 1965 में सबसे पहले मेरीनर-4 नाम का यान भेजा जो मंगल की कक्षा से गुजरा।
इसके बाद, साल 1976 में वाइकिंग-1 और वाइकिंग-2 नाम के यान मंगल की सतह पर उतरे। 2004 में स्पिरिट और ऑपर्च्युनिटी नाम के रोवर उतरे और फिर 2012 में क्यूरियोसिटी और 2021 में पर्सीवरेंस रोवर भेजे गए।
अमेरिका के ये मिशन विज्ञान के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुए हैं।
भारत
भारत का सस्ता और सफल 'मंगलयान'
भारत ने 2013 में मंगलयान नाम का मिशन भेजा जिसे मंगल ऑर्बिटर मिशन भी कहा जाता है। यह यान 2014 में मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंच गया।
यह भारत का पहला ही प्रयास था और वह सफल हो गया। इस मिशन ने मंगल की कई तस्वीरें और आंकड़े भेजे। इसकी लागत बहुत कम थी, जिससे यह पूरी दुनिया में सबसे सस्ते और सफल मिशनों में गिना जाता है।
भारत ऐसा करने वाला एशिया का पहला सफल देश बना।
चीन
चीन का तीन भागों वाला मिशन
चीन ने 2020 में त्यानवेन-1 नाम का मिशन भेजा, जो 2021 में मंगल पर पहुंचा।
इस मिशन में 3 भाग थे, जिसमें एक कक्षा में घूमने वाला यान, एक जमीन पर उतरने वाला यान और चूरोंग नाम का रोवर शामिल था। चीन ने एक ही मिशन में ये तीनों चीजें सफलतापूर्वक मंगल तक पहुंचाईं।
चीन का रोवर सतह पर चला, उसने मिट्टी, चट्टानों और मौसम का अध्ययन किया और कई अहम जानकारियां धरती पर भेजीं।
अन्य
UAE, यूरोप और रूस के मिशन
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने 2020 में आशा जांच यान भेजा, जो 2021 में मंगल की कक्षा में पहुंचा। यह अरब देशों का पहला सफल मिशन था।
यूरोपीय संघ (EU) ने 2003 में मंगल अभिव्यक्ति और 2016 में एक्सोमार्स ऑर्बिटर नाम के यान भेजे, जो सफलतापूर्वक कक्षा में पहुंचे।
रूस (सोवियत संघ) ने 1971 में मार्स-3 नाम का यान भेजा था, जो जमीन पर उतरा, लेकिन जल्दी संपर्क टूट गया।