वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह पर मिला पानी का महासागर, नासा के इस लैंडर ने की मदद
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने हाल ही में मंगल ग्रह पर तरल पानी का भंडार खोजा है। मंगल ग्रह पर तरल पानी को खोजने में नासा के इनसाइट लैंडर ने वैज्ञानिकों की मदद की है, जिसे अंतरिक्ष एजेंसी ने 2018 में मंगल ग्रह पर भेजा था। करीब 6,958 करोड़ रुपये के लागत से बने इनसाइट का वैज्ञानिक मिशन दिसंबर, 2022 में समाप्त हो गया। अपने मिशन के दौरान लैंडर ने मंगल ग्रह पर 1,319 से अधिक भूकंप दर्ज किए।
इनसाइट ने कैसे की वैज्ञानिकों की मदद?
इनसाइट द्वारा मंगल ग्रह के भूकंपीय तरंगों की गति को मापकर, वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि वे किस सामग्री से होकर गुजरने की सबसे अधिक संभावना रखते हैं। इनसाइट लैंडर के इन्हीं भूकंपीय डाटा के विश्लेषण से तरल पानी के महासागरों से भरी गहरी चट्टानों के बारे में पता चला है। वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल ग्रह पर 10-20 किलोमीटर की गहराई में पानी के भंडार मौजूद हैं। इसे जीवन का बड़ा संकेत माना जा रहा है।
पृथ्वी पर भी होती है ऐसे ही खोज
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के प्रोफेसर माइकल मंगा ने बताया, "वास्तव में ये वही तकनीकें हैं, जिनका उपयोग हम पृथ्वी पर पानी की खोज करने या तेल और गैस की तलाश करने के लिए करते हैं।" अध्ययन से पता चलता है कि मंगल पर पहले नदियां थीं, लेकिन 3 अरब वर्षों से यह रेगिस्तान बना हुआ है। प्रोफेसर मंगा ने कहा, "यहां पृथ्वी पर हमारा ज्यादातर पानी भूमिगत है और मंगल पर भी ऐसा न होने का कोई कारण नहीं है।"