
पिंक मून दिखेगा इस महीने, क्यों मानी जाती है यह विशेष खगोलीय घटना?
क्या है खबर?
खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह महीना काफी खास है, क्योंकि इस महीने पिंक मून देखने को मिलेगा।
भारत में यह अद्भुत नजारा 13 अप्रैल, 2025 को बिल्कुल सुबह-सुबह दिखेगा। यह अप्रैल की पूर्णिमा है, जो इस बार माइक्रोमून भी है। यानी यह चंद्रमा थोड़ा छोटा और धुंधला दिखाई देगा।
आसमान में यह नजारा खुले इलाके से सबसे अच्छा देखा जा सकता है, जहां यह बड़ा और सुनहरा नजर आता है।
फर्क
सुपरमून से अलग होता है माइक्रोमून
माइक्रोमून तब होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी से अपनी सबसे दूर की स्थिति में होता है। इस वजह से इसका आकार सामान्य से थोड़ा छोटा और चमक थोड़ी कम दिखाई देती है।
यह घटना इस साल 13 अप्रैल को शाम 06:49 बजे अपने चरम पर होगी। इसके विपरीत, सुपरमून ज्यादा बड़ा और चमकीला लगता है।
हालांकि, दोनों में फर्क नंगी आंखों से देख पाना मुश्किल होता है, यह सिर्फ परिप्रेक्ष्य का खेल होता है।
वजह
क्यों कहा जाता है इसे पिंक मून?
इसे पिंक मून कहा जाता है, लेकिन यह असल में गुलाबी रंग का नहीं दिखता।
इसका नाम एक फूल 'फ्लॉक्स सबुलता' से जुड़ा है, जो अप्रैल में खिलता है। इसे 'मॉस पिंक' भी कहा जाता है। इस पूर्णिमा का धार्मिक महत्व भी है, क्योंकि यह ईस्टर से पहले की पहली पूर्णिमा होती है।
अलग-अलग संस्कृतियों में इसे 'सकर मून' या 'मेंढक चंद्रमा' जैसे नामों से जाना जाता है, जो वसंत के बदलावों को दर्शाते हैं।