नासा पर्सिवियरेंस रोवर मंगल ग्रह पर शुरू करेगा अपना सबसे कठिन मिशन
अंतरिक्ष एजेंसी नासा का पर्सिवियरेंस रोवर लंबे समय से मंगल ग्रह से नई-नई जानकारी पृथ्वी पर भेज रहा है। यह अगले हफ्ते से मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर के पश्चिमी रिम पर चढ़ाई शुरू करेगा। 19 अगस्त से शुरू होने वाला यह मिशन ग्रह पर नए विज्ञान अभियान की शुरुआत करेगा। इस मिशन के दौरान रोवर को लाल ग्रह पर अब तक सामना किए गए सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण इलाकों को देखना पड़ सकता है।
क्या है इस मिशन का उद्देश्य?
इस मिशन के तहत टीम क्रेटर के शीर्ष पर जिन 2 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का अध्ययन करना चाहती है, उनका नाम 'पिको टर्क्विनो' और 'विच हेजल हिल' है। नासा के मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाले उपकरणों से प्राप्त तस्वीरों से संकेत मिलता है कि पिको टर्क्विनो में प्राचीन दरारें हैं, जो सुदूर अतीत में हाइड्रोथर्मल गतिविधि के कारण हो सकती हैं। बता दें कि इस मिशन के दौरान रोवर को 23 डिग्री तक की ढलानों का सामना करना पड़ेगा।
यह होगा रोवर का 5वां मिशन
दक्षिणी कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला (JPL) के पर्सिवियरेंस प्रोजेक्ट मैनेजर आर्ट थॉम्पसन ने कहा, "पर्सिवियरेंस ने 4 विज्ञान अभियान पूरे किए हैं, 22 रॉक कोर एकत्र किए हैं और 18 से अधिक मील (लगभग 28 किलोमीटर) की यात्रा की है।" पूर्व मिशन के के दौरान रोवर ने पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह से अब तक का एकमात्र तलछटी चट्टान का नमूना एकत्र किया, जो यह संकेत है कि मंगल पर कभी पानी था।