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सुंदर पिचई से स्टीव वोज्नियाक, टेक हस्तियों की AI पर है ये राय
AI से जुड़े संभावित खतरों और इसके डेवलपमेंट को लेकर एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है (तस्वीर: फ्रीपिक)

सुंदर पिचई से स्टीव वोज्नियाक, टेक हस्तियों की AI पर है ये राय

लेखन रजनीश
May 05, 2023
07:24 pm

क्या है खबर?

टेक जगत में इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तेजी से विकसित होने वाली टेक्नोलॉजी है। इसे क्रांतिकारी खोज माना जा रहा है। AI के कई जानकार इसके खतरों के बारे में भी चिंता जाहिर कर रहे हैं और इसके विकास और इस्तेमाल से जुड़े नियम बनाने की मांग कर रहे हैं। ChatGPT की लॉन्चिंग के बाद टेक कंपनियों के बीच AI के डेवलपमेंट को लेकर होड़ मच गई। जान लेते हैं AI के बारे में किसकी क्या राय क्या है।

इंटेलिजेंस

AI के जिम्मेदार विकास और नैतिक उपयोग की जरूरत

ऐपल के को-फाउंडर स्टीव वोज्नियाक से लेकर गूगल डीपमाइंड के CEO डेमिस हसाबिस और गूगल के CEO सुंदर पिचई से लेकर हाल ही में गूगल की नौकरी छोड़ने वाले जेफ्री हिंटन तक ने विभिन्न मौकों पर AI के तेजी से हो रहे डेवलपमेंट और इसके संभावित दुरुपयोग पर अपनी चिंता जाहिर की है। वहीं कुछ लोग इसके प्रति आशावादी रवैया भी रखते हैं। इन लोगों ने इस टेक्नोलॉजी के जिम्मेदार विकास और नैतिक उपयोग की जरूरत पर प्रकाश डाला है।

स्टीव

स्टीव वोज्नियाक चाहते हैं धीमा हो AI का विकास

ऐपल के को-फाउंडर स्टीव वोज्नियाक ने CNN को दिए एक इंटरव्यू में AI का विकास धीमा करने की बात कही थी। हालांकि, उन्होंने ये साफ किया था कि वो AI को लेकर चिंतित नहीं हैं बल्कि इस टेक्नोलॉजी के गलत हाथों में पड़ने को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा था कि सभी पावरफुल टेक्नोलॉजी में अच्छाई और बुराई दोनों होती है, इसलिए जनता को आने वाले समय के लिए तैयार करना होगा।

फायदा

टिमनिट गेब्रू ने की थी ऐसे सिस्टम के विचार की आलोचना

डिस्ट्रीब्यूटेड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च इंस्टीट्यूट (DAIR) के फाउंडर टिमनिट गेब्रू ने फरवरी, 2023 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में ऐसे सिस्टम को बनाए जाने के विचार की आलोचना की थी, जो किसी भी काम को कर सके। उन्होंने सवाल भी किया था कि इस तरह के सिस्टम से किसे फायदा होगा और किसका नुकसान होगा? गेब्रू को बड़े लैंग्वेज मॉडल के खतरों पर एक पेपर वापस लेने से इनकार करने के बाद 2020 में गूगल से निकाल दिया गया था।

गॉडफादर

जेफ्री हिंटन ने AI के बारे में चेतावनी देने के लिए छोड़ी नौकरी

AI के गॉडफादर कहे जाने वाले जेफ्री हिंटन ने AI चैटबॉट के संभावित खतरों के बारे में चेतावनी देने के लिए हाल ही में गूगल की नौकरी छोड़ दी थी। जेफ्री ने BBC को बताया कि उन्हें अपने कुछ कार्यों पर पछतावा है और उन्हें डर है कि AI सिस्टम जल्द ही मानव बुद्धि को पार कर सकते हैं। उन्होंने चिंता जाहिर की कि इसका इस्तेमाल गलत लोगों द्वारा गलत कार्यों के लिए किया जा सकता है।

उदाहरण

बहुत तेजी से सीखता है AI- जेफ्री

जेफ्री ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का उदाहरण दिया, जिन्होंने कहा कि वे यूक्रेन को नुकसान पहुंचाने के लिए AI रोबोट का उपयोग कर सकते हैं। जेफ्री ने यह भी कहा कि उन्होंने GPT-4 जैसे AI चैटबॉट्स को डेवलप करने में मदद की। इसके पास किसी भी इंसान की तुलना में बहुत अधिक जनरल नॉलेज है और ये तेजी से जानकारी सीख सकता है और उसे शेयर कर सकता है। उन्होंने AI को मानव बुद्धि से बहुत अलग बताया।

डीपमाइंड

AI को लेकर आशावादी हैं डेमिस हासबिस

गूगल डीपमाइंड के CEO डेमिस हासबिस AI के भविष्य को लेकर आशावादी हैं। द वॉल स्ट्रीट जर्नल के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू में हासबिस ने कहा कि AI अगले 5 सालों में इंसानों के स्तर की क्षमताओं को प्राप्त कर सकता है। हासबिस को AI के विकास में और तेजी आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इसके विकास के धीमा होने का उन्हें कोई कारण नहीं दिख रहा है।

गूगल

सुंदर पिचई की AI पर राय

गूगल के CEO सुंदर पिचई ने हाल ही में CBS के साथ एक इंटरव्यू में AI के बारे में कहा कि यह उतना ही अच्छा या बुरा होगा, जितना मानव स्वभाव इसे अनुमति देता है। उन्होंने कहा कि समाज को टेक्नोलॉजी में परिवर्तन की तीव्र गति के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने गूगल के नए चैटबॉट बार्ड का भी प्रदर्शन किया जो भाषण, ब्लॉग पोस्ट और ईमेल तैयार करने में सक्षम है।

जानकारी

बार्ड का उद्देश्य इंसानी लेखकों की जगह लेना नहीं - सुंदर पिचई

पिचई ने कहा कि बार्ड का उद्देश्य इंसानी लेखकों की जगह लेना नहीं है बल्कि उनके विचारों पर मंथन करने और उन्हें प्रेरित करने में मदद करना है। उन्होंने कहा कि गूगल AI को जिम्मेदारी और नैतिक रूप से डेवलप करने के लिए प्रतिबद्ध है।