जिनकी वजह से एलन मस्क ने होल्ड की ट्विटर डील; जानें क्या होते हैं 'स्पैम बॉट्स'?
क्या है खबर?
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने शुक्रवार को ट्वीट में लिखा कि वे ट्विटर के साथ अपनी 44 अरब डॉलर टेकओवर डील होल्ड कर रहे हैं।
माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने दावा किया है कि इसके यूजर्स में से पांच प्रतिशत से कम स्पैम या फेक अकाउंट्स हैं, जिससे जुड़ी ज्यादा जानकारी का इंतजार करते हुए मस्क ने डील होल्ड की है।
मस्क ने स्पैम बॉट्स को पूरी तरह हटाने का वादा किया है। आइए इन 'स्पैम बॉट्स' के बारे में जानते हैं।
सवाल
क्या होते हैं स्पैम बॉट्स?
स्पैम बॉट्स और फेक अकाउंट्स किसी यूजर या उसकी पहचान से नहीं जुड़े होते।
इनकी मदद से ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर गलत ढंग से ऐक्टिविटी को बूस्ट किया जा सकता है।
ये अकाउंट्स बल्क में किसी ट्रेंड या ऐक्टिविटी को सपोर्ट कर असली यूजर्स को भ्रमित करने का काम करते हैं।
कंपनी पॉलिसी के मुताबिक, ऐसी एक्टिविटी को प्लेटफॉर्म मैन्युपुलेशन कहा जाता है और यूजर्स के लिए असली या नकली में अंतर करना मुश्किल हो जाता है।
नुकसान
स्पैम बॉट्स की वजह से होने वाले नुकसान
स्पैम बॉट्स और फेक अकाउंट्स एक जैसा कंटेंट शेयर करते हैं और इन्हें ऑटोमेटेड या फेक इंगेजमेंट्स में इस्तेमाल किया जाता है।
इस तरह के अकाउंट्स से प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं और इनकी मदद से फेक इंगेजमेंट या फॉलोअर्स जुटाना ट्विटर की स्पैम पॉलिसी का उल्लंघन है।
स्पैम बॉट्स फेक ऐक्टिविटीज और ट्रेंड्स को बढ़ावा देते हैं, और बाकी ट्रेंडिंग मुद्दों पर भी सवालिया निशान लग जाते हैं।
तरीका
फेक अकाउंट्स की पहचान कैसे करती है ट्विटर?
ट्विटर की डेडिकेटेड टीम असली यूजर्स और रोबॉट्स की पहचान करती है।
साथ ही कंपनी मालिशियस ऐक्टिविटी को ट्रैक करने के लिए मशीन लर्निंग और इन्वेस्टिगेटर्स की मदद भी लेती है।
इसका एल्गोरिद्म हर सप्ताह 50 लाख से एक करोड़ अकाउंट्स तक को ट्रैक करता है।
हालांकि, ट्विटर उन पैरोडी, न्यूजफीड, कॉमेंट्री और फैन अकाउंट्स को इस श्रेणी में नहीं गिनती, जो अकाउंट बायो में इस बारे में साफ जानकारी देते हैं।
कार्रवाई
फेक अकाउंट्स पर क्या कार्रवाई करती है ट्विटर?
किसी फेक अकाउंट का पता चलते ही ट्विटर उसे लॉक कर सकती है या फिर वेरिफिकेशन की मांग की जाती है।
अकाउंट से जुड़ी जानकारी वेरिफाइ होने पर उसपर कार्रवाई नहीं की जाती।
वहीं, लंबे वक्त तक अकाउंट अनलॉक ना किए जाने और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी ना होने पर उसे प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाता है।
अगर कोई यूजर एक से ज्यादा अकाउंट्स इस्तेमाल कर रहा है, तो उसे केवल एक अकाउंट चलाने को कहा जा सकता है।
राहत
बुरे नहीं होते सभी बॉट अकाउंट्स
ट्विटर का मानना है कि सभी बॉट अकाउंट्स बुरे नहीं है और कंपनी 'गुड बॉट' अकाउंट्स पर लेबल भी दिखा रही है।
इन ऑटोमेटेड अकाउंट्स की मदद से कोविड-19 के दौर में जरूरी जानकारियां दी गईं और वैक्सिनेशन में मदद मिली।
गुड बॉट्स जरूरी अपडेट्स देने और खबरें शेयर करने जैसे काम करते हैं और अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े हो सकते हैं।
पिछले दो साल में भारत सरकार की ओर से भी कई बॉट अकाउंट्स लॉन्च किए गए हैं।
नाराजगी
मस्क को इसलिए नापसंद हैं स्पैम बॉट्स
मस्क ट्विटर को एक फ्री-स्पीच प्लेटफॉर्म में बदलना चाहते हैं और स्पैम बॉट अकाउंट्स को इस दिशा में एक खतरे की तरह देखते हैं।
टेड-X को दिए इंटरव्यू में मस्क ने क्रिप्टो-स्कैमर्स पर निशाना साधते हुए कहा कि ट्विटर से 'बॉट आर्मी' को हटाना उनकी प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा, "वे प्रोडक्ट को बहुत बुरा बना देते हैं। अगर मेरे पास हर क्रिप्टो स्कैम के बदले एक डॉजकॉइन हो, तो हमारे पास 100 अरब डॉजकॉइन होंगे।"
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
अगर कोई कंपनी प्रमोशन के मकसद से ट्विटर पर बॉट अकाउंट बनाना चाहे, तो उसे 267 डॉलर (करीब 20,700 रुपये) की वन-टाइम फीस या फिर 147 डॉलर (करीब 11,400 रुपये) की एनुअल फीस देनी पड़ती है। साथ ही इससे जुड़े कुछ नियम मानने होते हैं।