भारत में सस्ता इंटरनेट लाएगी एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक, दे सकती है सब्सिडी

अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्पेस-X अपनी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा भारत में भी लाने की कोशिश कर रही है। एक तरफ कंपनी को बिना किसी लाइसेंस के स्टारलिंक की प्री-बुकिंग भारत में शुरू करने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं इसके प्लान्स देश में सस्ता इंटरनेट देने के हैं। नई रिपोर्ट में संकेत मिले हैं कि स्टारलिंक भारत में इंटरनेशनल मार्केट के मुकाबले कम कीमत पर सेवाएं दे सकती है।
स्टारलिंक कई देशों में अपनी इंटरनेट सेवाएं दे रही है, हालांकि भारत में अब तक इसका आधिकारिक लॉन्च नहीं हुआ है। इसके बावजूद अभी से इसकी प्री-बुकिंग करने का विकल्प कई शहरों में मिल रहा है और भारत में इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। स्टारलिंक की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर प्री-बुकिंग की जा सकती है और इसके लिए तय रकम का डिपॉजिट करना होता है। इसे लेकर बीते दिनों विवाद की स्थिति भी बनती नजर आई थी।
ET टेलिकॉम की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टारलिंक की योजना सब्सिडाइज्ड रेट पर इंटरनेट ऑफर करने की है। स्टारलिंक के इंडिया हेड संजय भार्गव ने पब्लिकेशन से बताया है कि इसकी सेवाएं महंगी हैं और अगर यही कीमत ग्राहकों के लिए भारत में रख दी गई तो यह अफॉर्डेबल नहीं रह जाएगा। संजय ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय यूजर्स को सैटेलाइट इंटरनेट का फायदा देने के लिए उसकी कीमत कम रखना जरूरी है।
भारत में अलग-अलग भौगोलिक स्थिति वाले क्षेत्र हैं और सुदूर जगहों पर इंटरनेट सेवाएं मोबाइल टावर ना लग पाने के चलते नहीं पहुंच पाई हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के मुताबिक, पिछले साल अगस्त तक भारत में 50 प्रतिशत लोगों के पास इंटरनेट का ऐक्सेस नहीं है। स्पेस-X की कोशिश ऐसे देशों में यूजर्स तक इंटरनेट पहुंचाने की है और भारत इस सेवा का अच्छा टेस्टिंग ग्राउंड भी बन सकता है।
भारत के चुनिंदा शहरों, अहमदाबाद (गुजरात), तदेपलिंगम (आंध्र प्रदेश) और इंदौर (मध्य प्रदेश) में स्टारलिंक की प्री-बुकिंग की जा सकती है। कंपनी 99 डॉलर (करीब 7,350 रुपये) का रिफंडेबल डिपॉजिट करवा रही है और इसके साथ 50Mbps से 150Mbps तक की स्पीड मिल सकती है।
भारतीय यूजर्स को कम कीमत में इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए स्पेस-X कई टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ पार्टनरशिप भी कर सकती है। रिपोर्ट्स की मानें तो इनमें रिलायंस जियो, वोडाफोन-आइडिया, भारतनेट और रेलटेल शामिल हो सकते हैं। इस महीने की शुरुआत में ही स्टारलिंक भारत में रजिस्टर हुई है, जिसके बाद इसे लाइसेंस के लिए अप्लाई करने का विकल्प मिल जाएगा। कंपनी अगले साल 2022 में भारत में अपनी सेवाएं देना शुरू कर सकती है।
स्टारलिंक छोटे इंटरनेट सैटेलाइट्स का कलेक्शन है, जो पृथ्वी की नजदीकी कक्षा में (करीब 550 किलोमीटर की ऊंचाई पर) मौजूद हैं। वहीं, बड़े नेविगेशन और कम्युनिकेशन सैटेलाइट्स धरती से 2,000 किलोमीटर से 35,000 किलोमीटर दूर कक्षा में मौजूद होते हैं और कई सैटेलाइट्स इससे भी दूर से काम करते हैं। पृथ्वी से पास होने के चलते स्टारलिंक और ऐसे दूसरे सैटेलाइट्स सेल्युलर या ब्रॉडबैंड के मुकाबले बेहतर इंटरनेट सेवाएं दे सकते हैं।