ट्विटर हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ पोस्ट डालने वालों को क्यों नहीं कर सकती ब्लॉक- हाई कोर्ट
क्या है खबर?
दिल्ली हाई कोर्ट ने हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले अकाउंट्स पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर सोमवार को माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म टि्वटर को फटकार लगाई है।
कोर्ट ने कहा कि टि्वटर जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अकाउंड को ब्लॉक कर सकता है तो हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले अकाउंट्स पर कार्रवाई क्यों नहीं कर सकता? कोर्ट ने कहा टि्वटर का यह रूख ठीक नहीं है।
प्रकरण
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, एथीइस्ट रिपब्लिक नाम के ट्विटर अकाउंट से मां काली को लेकर बेहद आपत्तिजनक पोस्ट की गई थी। इसके खिलाफ 2021 में हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।
इसमें कहा गया था कि एथीइस्ट रिपब्लिक नाम के ट्विटर अकाउंट से हिंदू देवी-देवताओं पर विवादित पोस्ट करने के बाद भी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट की ओर से दोषी यूजर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह टि्वटर के भेदभाव को उजागर करता है।
सुनवाई
हाई कोर्ट ने टि्वटर से मांगा जवाब
मामले में सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की पीठ ने टि्वटर से पूछा की वह अकाउंट को कैसे ब्लॉक करता है?
पीठ ने यह भी कहा कि इस तरह के कई उदाहरण हैं जब लोगों के अकाउंट को उसके द्वारा ब्लॉक किया गया है।
पीठ ने कहा कि अगर इस तरह की घटना किसी और धर्म के साथ हुई होती तो कंपनी और अधिक सावधान और संवेदनशील रहते हुए कार्रवाई करती।
सवाल-जवाब
हाई कोर्ट ने ट्विटर से किए तीखे सवाल-जवाब
ट्विटर के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि कंपनी ने आपत्तिजनक पोस्ट को हटाकर FIR दर्ज की है।
कोर्ट ने पूछा कि ट्विटर ऐसे अकाउंट को ब्लॉक क्यों नहीं करता? इस पर वकील ने कहा कि कोर्ट के आदेश के अभाव में वह किसी व्यक्ति को ब्लॉक नहीं कर सकते।
कोर्ट ने कहा, "अगर यही तर्क है तो आपने डोनाल्ड ट्रंप को क्यों ब्लॉक किया था? आपका रवैया बताता है कि ट्विटर ऐसे संवेदनशील मामलों के प्रति कितना गंभीर है।
बयान
लोगों की संवेदनशीलता को लेकर चिंतित नहीं है टि्वटर- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा, "टि्वटर दुनिया के अन्य क्षेत्रों और नस्लों के लोगों की संवेदनशीलता को लेकर चिंतित नहीं हैं। प्रथम दृष्टया ट्विटर का यह रुख कि वह बिना कोर्ट के आदेश के अकाउंट ब्लॉक नहीं कर सकता, पूरी तरह से सही नहीं है।"
निर्देश
अकाउंट ब्लॉक करने की नीति और परिस्थिति बताए ट्विटर- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा मौजूदा मामले में कथित आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के संबंध में ट्विटर ने अदालत के पहले के प्रथम दृष्टया दृष्टिकोण पर आपत्ति नहीं जताई, इसलिए सोशल मीडिया मंच को अपने आप कार्रवाई करनी चाहिए थी।
कोर्ट इस तथ्य को भी संज्ञान में ले सकता है कि उसने समय-समय पर कुछ लोगों के अकाउंट्स ब्लॉक किए हैं। ऐसे में ट्विटर को अपनी अकाउंट ब्लॉक करने की नीति और परिस्थितियां बतानी होगी।
जवाब
टि्वटर अकाउंट को ब्लॉक करने की है प्रक्रिया- केंद्र सरकार
केंद्र सरकार के वकील हरीश वैद्यनाथन ने कहा कि जिन ट्विटर अकाउंट के खिलाफ शिकायतें मिलती हैं, उन्हें ब्लॉक करने की एक प्रक्रिया है।
इस पर कोर्ट ने केंद्र को मौजूदा मामले में सामग्री की जांच करने और यह तय करने का निर्देश दिया कि क्या सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत अकाउंट को ब्लॉक करने की जरूरत है।
कोर्ट ने ट्विटर, केंद्र सरकार के साथ-साथ एथिइस्ट रिपब्लिक को भी अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।