कोरोना वायरस के नाम पर हो रहे हैं स्कैम, गूगल के बताए इन तरीकों से बचें
क्या है खबर?
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (COVID-19) के नाम पर गलत सूचनाएं और स्कैम बिना रोकटोक के चल रहे हैं।
हैकर इस स्थिति का फायदा उठाकर ऑनलाइन स्कैम के जरिये लोगों को निशाना बना रहे हैं।
कहीं यह कोरोना वायरस की रोकथाम की जानकारी देने का नाम पर हो रहा है तो कहीं किसी फर्जी योजना के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है।
ऐसे स्कैम से लोगों को बचाने के लिए गूगल ने कुछ सुझाव दिए हैं।
स्कैम
इन तरीकों से लोगों को निशाना बनाने की कोशिश करते हैं हैकर्स
इंटरनेट पर चल रहे ज्यादातर स्कैम यूजर्स की निजी जानकारी चुराने के लिए होते हैं।
इसके लिए हैकर्स किसी प्रोडक्ट पर फेक ऑफर देेते हैं, सरकार की फर्जी योजना के नाम पर ठगने की कोशिश की जाती है या किसी चैरिटी के लिए दान देने की अपील की जाती है।
इससे कई बार कुछ लोग इनके झांसे में आ जाते हैं और संवेदनशील जानकारियां हैकर्स के साथ शेयर कर देते हैं। इसलिए हमेशा इन टिप्स को ध्यान में रखें।
स्कैम
SMS और कॉल्स पर भी रखें नजर
1. आमतौर पर हैकर्स ईमेल के जरिये लोगों को निशाना बनाते हैं, लेकिन कई बार SMS, ऑटोमेटैड कॉल्स और मलशियस साइट के जरिये भी लोगों तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। इसलिए ऐसे किसी भी मैसेज और कॉल पर कड़ी नजर रखें।
2. कोरोना वायरस की जानकारी देने के लिए कई पोर्टल और साइट एक्टिव हैं। इनमें से कुछ असली हैं और कुछ नकली। इसलिए महामारी से जुड़ी जानकारी के लिए हमेशा आधिकारिक साइट पर ही विजिट करें।
स्कैम
बैंक डिटेल शेयर न करें
3. अगर आप इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो हमेशा उन रिक्वेस्ट पर ध्यान रखें, जिसमें जरूरत से ज्यादा बैंक डिटेल्स मांगी जा रही हैं।
बैंक कभी भी ऐसे जानकारी के लिए नहीं पूछते हैं। इसलिए अपनी पर्सनल बैंक डिटेल्स इंटरनेट पर किसी के साथ भी शेयर न करें।
4. इस संकट की घड़ी में कई फंडरेजिंग पोर्टल भी चल रहे हैं। अगर आप इनमें योगदान देना चाहते हैं तो उसके बारे में अच्छी तरह से जांच कर लें।
स्कैम
क्लिकबेट लिंक पर भूलकर भी न करें क्लिक
5. हमेशा क्लिकबेट लिंक पर क्लिक करने से बचें। ऐसे लिंक और वेब एड्रेस पर क्लिक न करें जिसकी असलियत पर संदेह हो।
ऐसे अधिकतर लिंक फर्जी होते हैं और लोगों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
6. आप इंटरनेट पर ही किसी फर्जी मैसेज या दावे का पता लगा सकते हैं। आपको बस उसे साइट से कॉपी कर इंटरनेट पर सर्च करना होगा।
अगर वो मैसेज फर्जी रिपोर्ट हुआ है और उसकी असलियत सामने आ जाएगी।
जानकारी
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन फीचर रखें इनेबल
इसके अलावा हर किसी को साइबर सिक्योरिटी के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन फीचर इनेबल रखना चाहिए। व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और जीमेल जैसे ऐप्स में डबल सिक्योरिटी के लिए यह फीचर दिया गया है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिये गूगल का ट्वीट
As online scams related to COVID-19 continue to rise, it’s more important than ever to stay safer online 🔐
— Google India (@GoogleIndia) April 29, 2020
Here are some tips to help you spot and avoid these scams: https://t.co/lX1gvJhpVH pic.twitter.com/z3Fhs75Ou0