सावधान! आपकी सिम स्वैप कर लगाया जा सकता है लाखों रुपये का चूना
पिछले कुछ महीनों में देशभर में सिम स्वैप से ग्राहकों को चूना लगाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इन घटनाओं को अंजाम देने वाले लोग ग्राहकों से उनकी जानकारियां लेकर उनकी सिम का क्लोन (उस जैसी एक और सिम) तैयार कर लेते हैं। बाद में इस सिम का इस्तेमाल उनके बैंक अकाउंट से पैसे चुराने के लिए किया जाता है। आइये जानते है ये लोग कैसे फ्रॉड करते है और इनसे कैसे बचा जा सकता है।
कई शहरों में सामने आए ऐसे मामले
ऐसी घटनाएं पिछले साल यूरोप में सामने आई थी लेकिन पिछले दिनों भारत के बड़े शहरों दिल्ली, बेंगलुरू और कोलकाता में भी ऐसे कई मामले सामने आये हैं। जानकारी के अनुसार ऐसे ही मामले में एक व्यक्ति को Rs. 93.5 लाख की चपत लगी थी।
लालच देकर ग्राहकों से लेते हैं जानकारी
सिम से फ्रॉड करने वाले लोग सबसे पहले ग्राहकों को ईमेल भेजकर उनकी इंटरनेट बैंकिंग की जानकारी लेने की कोशिश करते हैं। उसके बाद बैंक अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करने के लिए उन्हें ग्राहक के मोबाइल नंबर की जरूरत होती है। इसके लिए वो टेलिकॉम कंपनियों के एजेंट बनकर ग्राहक से बात करते हैं और सिम स्वैपिंग के लिए उनसे जानकारी ले लेते हैं। इसके लिए वे ग्राहकों को आकर्षक ऑफर्स का लालच देते हैं।
सिम स्वैप के सहारे होता है खेल
कई ग्राहक ऑफर के लालच में आकर उन्हें अपने आधार नंबर और यूनिक 20 अंको वाला सिमकार्ड नंबर बता देते हैं। इसके कुछ देर बाद ग्राहकों के पास मैसेज भेजा जाता है और उन्हें ऑफर एक्टिवेट करने के लिए 1 दबाने को बोला जाता है। इसी दौरान फ्रॉड करने वाले अपनी तरफ से ग्राहक के नंबर से सिम स्वैप रिक्वेस्ट भेज देते हैं। जियो, वोडाफोन और एयरटेल जैसी कंपनियां अपने ग्राहकों को सिम स्वैप करने की सुविधा देती हैं।
ग्राहक से करवाते हैं सिम एक्टिवेट
कंपनी की तरफ से मैसेज आने के बाद जैसे ही ग्राहक उसे एक्टिवेट करते हैं, कंपनी ग्राहक के नंबर पर नई सिम एक्टिवेट कर देती है। इससे फ्रॉड करने वाले लोगों के पास ग्राहक के नंबर वाली नई सिम एक्टिवेट हो जाती है। नई सिम एक्टिवेट होते ही ग्राहक के पास वाली पुरानी सिम डिएक्टिवेट हो जाती है। इसके बाद वे लोग आराम से ग्राहक के बैंक अकाउंट, ओटीपी और मोबाइल नंबर से जुड़ी दूसरी चीजें ऑपरेट करने लगते हैं।
बचने के लिए अपनाएं ये उपाय
बैंकिंग फ्रॉड की ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ग्राहक का सावधान रहना बहुत जरूरी है। ग्राहकों को शिकार बनाने के लिए ऐसे लोग फोन या ईमेल पर पर्सनल और बैंकिंग से जुड़ी जानकारी मांगते हैं। किसी भी सूरत में उन्हें अपनी जानकारी न दें। वहीं अगर कोई आपको नंबर बंद करने की धमकी देकर ऐसी जानकारी मांगता हैं तो तुरंत अपने टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर से बात करें। इसके अलावा अपनी बैंकिंग एक्टिविटी पर लगातार नजर रखें।