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ये ऐप्स इस्तेमाल कीं तो नींद पर पड़ेगा बुरा असर, इंस्टाग्राम से व्हाट्सऐप तक लिस्ट में
सोने से पहले फोन का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए।

ये ऐप्स इस्तेमाल कीं तो नींद पर पड़ेगा बुरा असर, इंस्टाग्राम से व्हाट्सऐप तक लिस्ट में

Jan 06, 2022
05:10 pm

क्या है खबर?

स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल और जरूरत दोनों पहले के मुकाबले बढ़े हैं और वे हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। नई रिपोर्ट में सामने आया है कि सोने से पहले स्मार्टफोन पर कुछ खास ऐप्स का इस्तेमाल नींद को प्रभावित कर सकता है। स्लीप जंकी की मानें तो सोने से ठीक पहले कई लोकप्रिय ऐप्स इस्तेमाल करना नींद की क्वॉलिटी पर बुरा असर डाल रहा है। यूजर्स को इन ऐप्स का इस्तेमाल कम करने की सलाह दी गई है।

रिपोर्ट

रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ रहा है असर

स्लीप जंकी ने हजारों यूजर्स के साथ किए गए सर्वे को रिपोर्ट का आधार बनाया है। एक तिहाई से ज्यादा (करीब 78 प्रतिशत) स्मार्टफोन यूजर्स ने माना कि वे सोने से ठीक पहले तक अपना फोन चलाते हैं, जिसका असर उनकी नींद पर पड़ रहा है। स्लीप एक्सपर्ट डॉरोथी चैंबर्स ने बताया कि गैर-जरूरी कामों के चलते नींद को टालने का असर रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ता है और ऐसे यूजर्स काम और जिंदगी के बीच संतुलन नहीं बना पाते।

ऐप्स

ये ऐप्स डालती हैं नींद पर बुरा असर

रिपोर्ट में दुनिया की कुछ सबसे लोकप्रिय ऐप्स को भी शामिल किया गया है, जिनकी वजह से नींद सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। सर्वे के मुताबिक, ऐसी ऐप्स में शॉर्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म टिक-टॉक सबसे ऊपर है। यूजर्स केवस अपनी स्लीप साइकल का 14 प्रतिशत रैपिड आई मूवमेंट (REM) स्लीप फेज में बिताते हैं, जबकि सामान्य रूप से REM स्लीप इसकी तुलना में दोगुनी होनी चाहिए। इस तरह यूजर्स औसत नींद से एक घंटा सात मिनट कम सोते हैं।

लिस्ट

इन ऐप्स से नींद में इतना नुकसान

टिक-टॉक के अलावा इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, ट्विटर और फेसबुक ऐप्स भी नींद को प्रभावित करती हैं। इंस्टाग्राम यूजर्स अपना 15.5 प्रतिशत स्लीप साइकल REM में बिताते हैं और उनकी नींद 58 मिनट्स कम हो जाती है। स्नैपचैट और ट्विटर यूजर्स क्रम से 16 प्रतिशत और 18 प्रतिशत स्लीप साइकल REM में बिताते हैं, जिससे उनकी नींद 56 मिनट और 50 मिनट कम हो जाती है। फेसबुक के लिए आंकड़ा 19.5 प्रतिशत है और नींद 45 मिनट तक कम हो जाती है।

वजह

इसलिए प्रभावित होती है नींद की क्वॉलिटी

सोने से पहले दिन दूसरी ऐप्स का इस्तेमाल नींद पर बुरा असर डाल सकता है, उनमें पिनट्रेस्ट, यूट्यूब, व्हाट्सऐप, रेडिट और टंबलर वगैरह भी शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि इन ऐप्स की वजह से नींद को होने वाले नुकसान के लिए स्मार्टफोन स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट जिम्मेदार है। इस लाइट की वजह से जिस वक्त आंखों में नींद आनी चाहिए, उस वक्त यूजर्स पहले से ज्यादा अलर्ट हो जाते हैं।

खतरा

कई मामलों में नुकसान पहुंचाती हैं सोशल मीडिया ऐप्स

सोशल मीडिया ऐप्स को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि वे उन्हें इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को 'अच्छा' महसूस करवाएं। ऐसे में जरूरी है कि सोने से पहले इनका इसतेमाल कम से कम किया जाए। ये ऐप्स यूजर्स को ज्यादा ऐक्टिव रखने में मदद करती हैं और उनपर नकारात्मक असर भी डाल सकती हैं। खुद सोशल मीडिया कंपनियां भी उनकी सेवाओं के हद से ज्यादा इस्तेमाल को खराब मानती हैं।

जानकारी

न्यूजबाइट्स प्लस

भारत में सोशल मीडिया यूजर्स की संख्या साल 2040 तक बढ़कर 1.5 अरब के पार पहुंच सकती है। फिलहाल, फेसबुक सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया ऐप बनी हुई है और भारत में 60 करोड़ से ज्यादा ऐक्टिव सोशल मीडिया यूजर्स हैं।