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World Alzheimer's Day: जानिए अल्जाइमर रोग के कारण, लक्षण और बचने के उपाय
अल्जाइमर रोग के कारण, लक्षण और बचने के उपाय

World Alzheimer's Day: जानिए अल्जाइमर रोग के कारण, लक्षण और बचने के उपाय

लेखन अंजली
Sep 21, 2021
11:32 am

क्या है खबर?

रोजमर्रा के कामकाज के दौरान छोटी-छोटी बातों को भूलना एक आम बात है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति लगातार बातों को भूलने लगे तो यह अल्जाइमर का लक्षण हो सकता है। अल्जाइमर एक मानसिक रोग है, जिससे ग्रसित व्यक्ति की धीरे-धीरे मस्तिष्क की कोशिकाएं खत्म होने लगती हैं। आइए आज विश्व अल्जाइमर दिवस के मौके पर हम आपको इस रोग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं ताकि आप समय रहते इसके जोखिमों को कम कर सकें।

कारण

अल्जाइमर रोग होने के कारण

अल्जाइमर रोग जेनेटिक यानि आनुवंशिकता के कारण हो सकता है। दिमाग और नर्वस सिस्टम के नर्व सेल्स का ठीक से काम न करना अल्जामर का कारण बन सकता है। दिमाग में ताउ प्रोटीन और बीटा-एमीलॉइड प्रोटीन के जमा होने के कारण भी यह रोग हो सकता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और स्लिप एपनिया जैसी समस्याएं भी अल्जाइमर का कारण बन सकती हैं। 65 उम्र से अधिक आयु वाले लोगों को अल्जाइमर रोग होने का जोखिम अधिक होता है।

लक्षण

अल्जाइमर रोग के लक्षण

याददाश्त कम होना, निर्णय लेने की क्षमता का कम होना और सोचने-समझने की क्षमता में कमी आना अल्जाइमर के मुख्य लक्षण हैं। परिवार के सदस्यों को पहचान न पाना, घर से संबंधित कार्य करने में परेशानी होना, समय और स्थान को लेकर भ्रम होना या पहचान न पाना भी इसी रोग के लक्षण हैं। बर्ताव में बदलाव, आत्मबल में कमी, समय के साथ चिंतित और आक्रामक होना भी अल्जाइमर के लक्षण हो सकते हैं।

निदान

अल्जाइमर रोग का कैसे पता लगाया जा सकता है?

अल्जाइमर का पता लगाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें ताकि वह शारीरिक जांच और टेस्ट के बाद आपको इस समस्या के बारे में बता सके। इसके लिए डॉक्टर आपसे अल्जाइमर से जुड़े कुछ मुख्य लक्षणों या फिर आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकते हैं। वहीं, डॉक्टर आपको मेंटल फंक्शन टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। अल्जाइमर रोग का निदान CT स्कैन और MRI से भी हो सकता है।

बचाव

अल्जाइमर से बचने के उपाय

रोजाना संतुलित आहार के साथ-साथ ताजे फलों और पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें। इसी के साथ नियमित तौर पर कुछ हल्की-फुल्की एक्सरसाइज भी करें। समय से सोने और समय से जागने का नियम बना लें। ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने की कोशिश करें। अपने रूटीन में दिमाग से संबंधित गतिविधियां शामिल करें। किसी भी बात के बारे में अधिक न सोचें और खुद को तनाव से दूर रखने का प्रयास करें।