चांद पर उतरने में कौन-कौन से देश रहे सफल? जानें किसने कब की सॉफ्ट लैंडिंग
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) का चांद मिशन चंद्रयान-3 आज चांद की सतह पर उतरने की तैयारी में है। इस मिशन की सफलता के बाद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत चौथा देश होगा। चांद पर उतरने की यह भारत की दूसरी कोशिश है। इससे पहले अभी तक रूस, अमेरिका और चीन ही चांद पर लैंडिंग करने में सफल रहे हैं। आइये जानते हैं कि अब तक कौन-सा देश कब चांद पर उतरा है।
क्या होती है सॉफ्ट लैंडिंग?
सॉफ्ट लैंडिंग उसे कहते हैं, जिसमें लैंडर और रोवर निर्धारित गति के साथ चांद की सतह पर सुरक्षित लैंड करते हैं। इससे लैंडर और उसके भीतर रखे रोवर को कोई नुकसान नहीं पहुंचता और वह ठीक ढंग से कार्य करने के तैयार रहते हैं।
इन देशों ने भी भेजे चांद मिशन
रूस, अमेरिका और चीन के अलावा भारत, जापान, यूरोपियन स्पेस एजेंसी, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण कोरिया सहित कुछ अन्य देशों ने भी चांद से जुड़े अपने विभिन्न मिशन भेजे हैं। हालांकि, लैंडर और रोवर के जरिए चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की क्षमता और वहां रोवर के घूमने की क्षमता अभी तक सिर्फ अमेरिका, रूस (तब सोवियत संघ) और चीन के पास ही है। अमेरिका ने तो 12 अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर उतारा है।
रूस ने सबसे पहले चांद की सतह पर की लैंडिंग
चांद पर सबसे पहले सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला देश सोवियत संघ (अब रूस) है। इसने सबसे पहले 3 फरवरी, 1966 को लूना-9 को चांद पर सफलतापूर्वक उतारा था। इसके बाद 19 अगस्त, 1976 तक रूस ने सॉफ्ट लैंडिंग वाले 7 और मिशन भेजे, जिसमें लूना-13, लूना-16, लूना-17, लूना-20, लूना-21, लूना-23 और लूना-24 रहे। हाल ही में रूस का चांद मिशन लूना-25 में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे इसका लैंडर नष्ट हो गया और यह मिशन फेल हो गया।
अमेरिका ने 1966 में चांद पर उतारा पहला लैंडर
चांद की सतह पर रूस के लूना-9 मिशन के लैंडर के उतरने के लगभग 3 महीने बाद अमेरिका ने 20 मई, 1966 में अपना पहला लैंडर चंद्रमा पर उतारा था। इसके बाद वर्ष 1972 तक में अमेरिका ने सर्वेयर स्पेसक्राफ्ट और अपोलो मिशन के जरिए चांद की सतह पर 10 और सॉफ्ट लैंडिंग कराई। अमेरिका के पास एक और उपलब्धि यह भी है कि उसके अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर पहला कदम रखा था।
चीन ने चांग-ई 3 के जरिए चांद पर की सॉफ्ट लैंडिंग
चीन ने रूस और अमेरिका के काफी साल बाद 14 दिसंबर, 2013 में पहली बार चांद की सतह पर अपना मिशन चांग-ई 3 उतारा। इसके बाद चीन ने 2 और मिशन के जरिए चांद की सतह पर अपनी सॉफ्ट लैंडिंग की क्षमता दिखाई। चीन ने 3 जनवरी, 2019 को चांग-ई 4 मिशन के जरिए और 1 दिसंबर, 2020 को चांग-ई 5 के जरिए चांद की सतह पर लैंडिंग की थी।
भारत बन सकता है चौथा देश
चंद्रयान-3 की सफलता के साथ ही भारत चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग वाला चौथा देश होगा। चंद्रयान-3 का लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा और ऐसा करने वाला भारत पहला देश होगा। दरअसल, अभी तक किसी देश ने चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग नहीं की है। अभी तक अधिकतर लैंडिंग चांद के भूमध्य रेखीय क्षेत्र में होती रही हैं। हालांकि, अब विभिन्न देशों के बीच दक्षिणी ध्रुव में लैंडिंग को लेकर मुकाबला बढ़ा है।