इस गांव में नहीं पहुंचती थी रोशनी, तो गांव वाले ने बना लिया अपना नया सूरज
पृथ्वी पर जीवन के लिए सूरज की रोशनी बहुत ज़रूरी है। बिना इसके पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इस दुनिया में कई ऐसी चीज़ें और नज़ारे देखने को मिलते हैं, जिसे देखकर लोगों की हैरानी का ठिकाना नहीं रहता है। सूरज की रोशनी जीवन के लिए बहुत ज़रूरी है, लेकिन इसी दुनिया में एक ऐसी जगह भी है, जहां सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती है। आइए जानते हैं इस जगह की पूरी कहानी।
गांव में नहीं पहुंचती सूरज की रोशनी
दरअसल, इटली का विगानेला गांव एक ऐसा गांव है, जहां नवंबर के महीने से लेकर फरवरी के महीने तक सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती है। साल में तीन महीने यहां धूप बिल्कुल नहीं आती और गांव ठंड से ठिठुरता रहता है। ठंड और छाया से परेशान कई लोग गांव छोड़ चुके हैं। इस समस्या से निपटने के लिए गांव के ही कुछ लोगो ने अपना ख़ुद का सूरज बना डाला।
मिलान से 130 किलोमीटर नीचे बसा हुआ है गांव
यह गांव इटली के मिलान शहर के उत्तरी भाग में लगभग 130 किलोमीटर नीचे बसा हुआ है। यहां लगभग 200 लोग रहते हैं। विगानेला गांव चारों तरफ़ पहाड़ों से घिरा हुआ है, जिसकी वजह से सूरज की रोशनी गांव तक नहीं पहुंच पाती थी।
क़ुदरत की चुनौती स्वीकार करते हुए बनाया ख़ुद का सूरज
गांव के इंजीनियर और आर्किटेक्ट दोनों ने मिलकर एक रास्ता निकाला। गांव के मेयर ने भी मदद की और €1 लाख ख़र्च करके 40 वर्ग मीटर का एक शीशा ख़रीदा। शीशे को पहाड़ की चोटी पर इस तरह से लगाया गया, जिससे सूरज की रोशनी शीशे पर पड़े और वहां से टकराकर गांव में आए। इस अजीबो-गरीब तरकीब से गांव वालों को अपना सूरज मिल गया। गांव वालों ने 'जहाँ चाह, वहाँ राह' वाली कहावत भी सच कर दी।