
कोविड पोस्ट हटाने के लिए मेटा पर दबाव डालती थी अमेरिकी सरकार, जुकरबर्ग ने लगाए आरोप
क्या है खबर?
मेटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मार्क जुकरबर्ग ने आरोप लगाया है कि जो बाइडन और कमला हैरिस की अमेरिकी सरकार ने कोविड से संबंधित पोस्ट को सेंसर करने के लिए मेटा की टीमों पर बार-बार दबाव डाला था।
जुकरबर्ग ने यह आरोप हाल ही में हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी को लिखे एक पत्र में लगाया है।
उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि उन्हें अफसोस है कि वह इन सबके बारे में अधिक मुखर नहीं थे।
पत्र
जुकरबर्ग ने पत्र में क्या लिखा?
जुकरबर्ग ने पत्र में कहा, "2021 में व्हाइट हाउस सहित बाइडन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने हास्य और व्यंग्य सहित कुछ कोविड-19 कंटेंट को सेंसर करने के लिए महीनों तक हमारी टीमों पर बार-बार दबाव डाला और जब हम सहमत नहीं हुए तो हमारी टीमों के साथ बहुत निराशा व्यक्त की।"
उन्होंने पत्र में आगे कहा, "मेरा मानना है कि सरकारी दबाव गलत था और मुझे खेद है कि हम इसके बारे में अधिक मुखर नहीं थे।"
आरोप
2020 में भी मेटा पर बनाया गया था दबाव
इस पत्र में जुकरबर्ग ने यह भी बताया है कि FBI ने 2020 के चुनाव से पहले बाइडन परिवार और ब्यूरिज्म के बारे में संभावित रूसी दुष्प्रचार अभियान के बारे में मेटा को चेतावनी दी थी।
मेटा ने दबाव की वजह से बाद में बाइडन परिवार से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों पर एक पोस्ट को हटा दिया था। हालांकि, जुकरबर्ग ने यह माना है कि पोस्ट को नहीं हटाया जाना चाहिए था, क्योंकि यह रूसी दुष्प्रचार नहीं था।
ट्विटर पोस्ट
यह देखें पत्र
BREAKING: Mark Zuckerberg just admitted to working with Biden/Harris admin to censor Americans.
— Patrick Bet-David (@patrickbetdavid) August 27, 2024
He either admitted to this because:
1. He’s being honorable
2. He’s done with the Dem party
3. He’s getting ahead of a whistleblower
Either way this is a VERY HARD letter to write. pic.twitter.com/y64cOQjY15