मेटा ने पेश किया नया AI मॉडल SAM, इन क्षमताओं से है लैस
फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने बुधवार को एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल पेश किया है। ये इमेज एनोटेशन के डाटासेट के साथ-साथ इमेज के अलग-अलग ऑब्जेक्ट्स को सेलेक्ट करने में सक्षम है। ये अपनी तरह का अब तक का सबसे बड़ा मॉडल है। कंपनी के रिसर्च डिवीजन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि इसका सेमेंट एनीथिंग मॉडल या SAM फोटो और वीडियो में उन वस्तुओं की भी पहचान कर सकता है जिनकी उसे ट्रेनिंग भी नहीं दी गई।
क्लिक या टेक्स्ट इनपुट के जरिए सेलेक्ट कर लेता है ऑब्जेक्ट
SAM के जरिए वस्तुओं पर क्लिक करके या टेक्स्ट इनपुट देकर उनको सेलेक्ट किया जा सकता है। एक प्रदर्शन में बिल्ली शब्द लिखकर AI मॉडल को तस्वीर में मौजूद बिल्लियों में से प्रत्येक के चारों और बॉक्स बनाने के लिए प्रेरित किया गया। OpenAI के ChtaGPT के मुश्किलों में घिरने से बड़ी टेक कंपनियां अपने AI की सफलात का बखान कर रही हैं और निवेश पाने और AI क्षेत्र में हावी होने की दौड़ शुरू हो गई है।
टेक्स्ट इनपुट से वीडियो बनाने में सक्षम
मेटा ने ChatGPT की तरह कई फीचर्स की झलक दिखाई है। मेटा का AI मॉडल अन्य AI की तरह डाटा को केवल पहचानने या वर्गीकृत करने के बजाय एकदम नया कंटेंट तैयार करता है। हालांकि, इसने अभी तक कोई प्रोडक्ट जारी नहीं किया है। उदाहरण के तौर पर एक टूल है जो टेक्स्ट इनपुट से काफी हद तक वास्तविक लगने वाला वीडियो बनाता है और दूसरा कि ये बच्चों की किताब में लिखी कहानियों से जुड़े चित्र बनाता है।
जनरेटिव AI क्रिएटिव ऐड्स को मेटा ऐप्स में शामिल करना प्राथमिकता है - मार्क जुकरबर्ग
मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि मेटा के ऐप्स में इस तरह के जनरेटिव AI "क्रिएटिव एड्स" को शामिल करना इस साल प्राथमिकता है। हालांकि, मेटा पहले से ही SAM की तरह काम करने वाली टेक्नोनॉजी का इस्तेमाल करता रहा है। मेटा उसी टेक्नोलॉजी के जरिए फोटो टैग करने, नियमों का उल्लंघन करने वाले कंटेंट को मॉडरेट करने के साथ ही फेसबुक और इंस्टाग्राम यूजर्स को पोस्ट रिकमेंड करने का काम करती रही है।
बिना किसी लाइसेंस के डाउनलोड किया जा सकेगा SAM मॉडल
जानकारी के मुताबिक, SAM मॉडल और डाटासेट बिना किसी कॉमर्शियल लाइसेंस के तहत डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध होंगे। हालांकि, यूजर्स को सिर्फ रिसर्च से जुड़े कार्यों के लिए इसका उपयोग करने के लिए एग्री होना होगा। ChatGPT की लोकप्रियता और इसकी क्षमता के साथ ही इसको बनाने वाली कंपनी OpenAI में माइक्रोसॉफ्ट के निवेश के बाद से बड़ी टेक कंपनियां जनरेटिव AI को लेकर काफी तेजी से सक्रिया हैं।