ट्विटर से लेकर लिंक्डइन तक, ये कंपनियां हो चुकी हैं बड़ी हैकिंग का शिकार
क्या है खबर?
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के लिए बुधवार काफी मुश्किल दिन साबित हुआ।
बराक ओबामा, जो बिडेन, एलन मस्क, बिल गेट्स, किम कार्दशियन समेत कई महत्वपूर्ण लोगों के ट्विटर अकाउंट हैक हो गए।
इसे ट्विटर के इतिहास की सबसे बड़ी हैकिंग में से एक माना जा रहा है।
हालांकि, ऐसा नहीं है कि पहली बार महत्वपूर्ण लोगों या बड़ी कंपनियों के अकाउंट हैक हुए हैं। पहले भी कई बार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बड़े स्तर पर हैकिंग का शिकार हो चुके हैं।
हैकिंग
ट्विटर को कर्मचारियों को निशाना बनाकर की गई हैकिंग
बुधवार को हुई हैकिंग के बाद ट्विटर ने जानकारी दी कि कुछ लोगों ने कंपनी के ऐसे कर्मचारियों को निशाना बनाया, जिनके पास आंतरिक सिस्टम की एक्सेस थी। यह पता चला है कि उन लोगों ने महत्वपूर्ण लोगों के अकाउंट पर नियंत्रण कर लिया और उनके नाम से ट्वीट किए।
पहले भी ट्विटर के कर्मचारियों को इस तरह निशाना बनाया जा चुका है। पिछले साल कंपनी के दो कर्मचारियों पर सऊदी अरब के लिए जासूसी का आरोप लगा था।
ट्विटर
जैक डॉर्सी का अकाउंट भी हो चुका है हैक
पिछले साल अगस्त में ट्विटर के CEO जैक डॉर्सी का अकाउंट हैक हो गया था। हैकर्स ने उनके अकाउंट के नस्लभेदी और अश्लील शब्दों वाले ट्वीट किए थे। कुछ समय बाद अकाउंट रिस्टोर कर लिया गया।
इससे पहले 2015 में टेलर स्विफ्ट और 2013 में मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट हैक हुआ था।
उससे पहले 2013 में एसोसिएटेड प्रेस (AP) और गार्डियन का ट्विटर अकाउंट हैक कर लिया गया था।
जानकारी
2013 में मिली थी गंभीर सुरक्षा खामी
साल 2013 में हैकर्स ने ट्विटर के डाटाबेस से लगभग 2.5 लाख यूजर्स के ईमेल, यूजरनेम और उनके पासवर्ड के एनक्रिप्टेड वर्जन चुरा लिए थे। 2010 में अमेेरिका में एक जांच में ट्विटर की सुरक्षा में गंभीर खामियों का पता चला था।
हैकिंग
फेसबुक भी बनी है हैकर्स का निशाना
दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग फेसबुक की बात करें तो यह भी हैकर्स के हमले से बची नहीं है।
सितंबर, 2018 में हैकर्स ने सुरक्षा खामियों का फायदा उठाते हुए लगभग पांच करोड़ यूजर्स के अकाउंट तक पहुंच बना ली थी।
बाद में कंपनी ने यह संख्या कम कर तीन करोड़ बताई। इनमें से अधिकतर यूजर्स के जेंडर, धर्म, ईमेल एड्रेस, फोन नंबर और सर्च हिस्ट्री आदि हैकर्स के हाथ लग गए थे।
फेसबुक
चर्चा में रहा था कैंब्रिज एनालिटिका विवाद
इसके अलावा फेसबुक के साथ कैंब्रिज एनालिटिका फर्म का विवाद भी जुड़ा है।
कैंब्रिज एनालिटिका ने गलत तरीके से फेसबुक के 8.7 करोड़ यूजर्स की प्रोफाइल जानकारी तक पहुंच बना ली थी।
फेसबुक पर अपने यूजर्स का डाटा सुरक्षित न रख पाने के कारण अमेरिका के फेडरल ट्रेड कमीशन ने पांच बिलियन डॉलर का जुर्माना भी लगाया था।
2013 में एक सुरक्षा खामी के चलते 60 लाख यूजर्स के ईमेल एड्रेस और फोन नंबर दूसरे यूजर्स को दिखते रहे।
हैकिंग
बीते साल चर्चा में रहा था व्हाट्सऐप के जरिये जासूसी का मामला
फेसुबक के मालिकाना हक वाली व्हाट्सऐप पिछले साल चर्चा में रही थी।
दरअसल, पिछले साल नवंबर में खबरें आईं कि व्हाट्सऐप के जरिए भारत समेत दुनियाभर के पत्रकारों, नेताओं, अधिकारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई।
इस काम के लिए इजरायल की कंपनी NSO ग्रुप द्वारा बनाये गए पेगासस (Pegasus) स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया गया था।
इसे लेकर व्हाट्सऐप ने NSO ग्रुप पर उसके सर्वर के गलत इस्तेमाल के लिए अमेरिकी अदालत में मुकदमा दायर किया था।
हैकिंग
लिंक्डइन और टंबलर
माइक्रोसॉफ्ट के मालिकाना हक वाले प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म लिंक्डइन में 2012 में गंभीर सुरक्षा खामी मिली थी। इसका फायदा उठाकर हैकर्स ने लाखों यूजर्स के पासवर्ड को ऑनलाइन पोस्ट कर दिया था।
इसी तरह की हैकिंग का सामना ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म टंबलर को 2013 में करना पड़ेगा। उस समय कंपनी के करोड़ों यूजर्स के ईमेल और पासवर्ड इंटरनेट पर सार्वजनिक कर दिए गए थे।
इस तरह देखा जाए तो कोई भी कंपनी हैकर्स की पहुंच से नहीं बच पाई है।