अमेरिका: मौत के 2 घंटे बाद फिर से जिंदा हुआ युवक, डॉक्टर भी रह गए हैरान
अमेरिका से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। वहां एक युवक मौत होने के 2 घंटे बाद फिर से जिंदा हो गया। इस घटना को लेकर सभी लोग हैरान हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेक्सास के 16 वर्षीय सैमी बेरको को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, लेकिन वह 2 घंटे बाद फिर से जिंदा हो गया। सैमी को वापस से जिंदा देखकर डॉक्टर भी चौंक गए। आइए पूरा मामला विस्तार से जानते हैं।
क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिसौरी शहर निवासी सैमी 7 जनवरी को एक स्थानीय जिम में रॉक क्लाइम्बिंग कर रहे थे। उस दौरान उनके दिल की धड़कन अचानक रुक गई, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, उस दौरान जिम के स्टाफ और अस्पताल के डॉक्टरों ने सैमी को 2 घंटे तक लगातार कार्डियोपल्मोनरी रिससिटैशन (CPR) दिया, लेकिन कोशिश असफल रही। ऐसे में डॉक्टरों ने गहन जांच के बाद सैमी को मृत घोषित कर दिया।
सैमी की मां ने मीडिया से बातचीत के दौरान क्या कहा?
मीडिया से बात करते हुए सैमी की मां जेनिफर बेरको ने बताया कि बेटे की मृत्यु की खबर सुनकर वह काफी दुखी हो गई थी, लेकिन खबर जानने के 5 मिनट बाद उनके पति को अहसास हुआ कि सैमी कुछ हरकत कर रहा है। उन्होंने कहा, "मदद के लिए हमने तुरंत चिकित्सा कर्मचारियों और डॉक्टर को बुलाया। वो भी सैमी को जिंदा देखकर चौंक गए क्योंकि उन्होंने अपने करियर में इस तरह का केस पहले कभी नहीं देखा था।"
वापस जिंदा होने के बाद इन समस्याओं का सामना कर रहे सैमी
सैमी भले ही जिंदा हो गए थे, लेकिन अल्पकालिक मृत्यु के दौरान उनके मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ हफ्तों के लिए उनकी याददाश्त चली गई थी। इसके अलावा दिल की धड़कन रुकने के दौरान सैमी को इस्केमिक रीढ़ की चोट का भी सामना करना पड़ा, जिसके कारण वह चल फिर नहीं सकते हैं। हालांकि, अब वह फिर से अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं।
CPVT नामक दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं सैमी और उनकी मां
जानकारी के मुताबिक, जेनिफर और उनके दोनों बेटे सैमी और फ्रेंकी को कैटेकोलामाइनर्जिक पॉलीमॉर्फिक वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया (CPVT) नामक दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर है, जो उनके हृदय को प्रभावित करता है। इसके कारण ही फ्रेंकी की 2020 में मृत्यु भी हो चुकी है।
न्यूजबाइट्स प्लस
आजकल युवाओं में कार्डियक अरेस्ट के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में सही समय पर CPR देकर उन्हें बचाया जा सकता है। सबसे पहले अपने एक हाथ के ऊपर दूसरा हाथ रखकर उन्हें मरीज की छाती के बीच में रखें। इसके बाद अपने शरीर का वजन अपने हाथों पर डालते हुए हर सेकंड में दो बार छाती को पुश करें। ऐसा करने के बाद 2 बार मरीज को अपने मुंह के जरिए सांस दें। इस प्रक्रिया को लगातार दोहराते रहें।