ISRO दे रही है रॉकेट लॉन्च देखने का बुलावा, यह है रजिस्टर करने का तरीका
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अगले सप्ताह 7 अगस्त को सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC) से अगला रॉकेट लॉन्च करने जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट को 'SSLV-D1/EOS-02 मिशन' नाम दिया गया है और इसमें पहली बार ISRO का SSLV-D1 लॉन्च वीइकल अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरेगा।
अगर आप यह लॉन्च अपनी आंखों से देखने जाना चाहते हैं, तो रजिस्ट्रेशन के बाद श्रीहरिकोटा में SDSC की लॉन्च व्यू गैलरी का रुख कर सकते हैं।
मिशन
क्या है SSLV-D1/EOS-02 मिशन?
स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च वीइकल (SSLV) को छोटे सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में भेजने के लिए तैयार किया गया है।
आने वाले दिनों में इसे श्रीहरिकोटा में स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च कॉम्प्लेक्स (SSLC) नाम का लॉन्च पैड दिया जाएगा।
इसके अलावा तमिलनाडु के कुलशेखरपाटनम में एक डेडिकेटेड लॉन्च साइट भी तैयार की जाएगी।
अपनी पहली उड़ान में SSLV-D1 रॉकेट EOS-02 माइक्रोसैटेलाइट और 750 महिला छात्राओं की ओर से तैयार किए गए आजादीSAT सैटेलाइट भेजा जाएगा।
जानकारी
आधिकारिक लिंक पर जाकर करें रजिस्टर
ISRO अपने SSLV-D1/EOS-02 मिशन को SDSC से 7 अगस्त सुबह नौ बजकर 18 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा। एजेंसी ने अपने ट्विटर हैंडल पर आधिकारिक लिंक शेयर किया है, जिसपर जाकर आप लॉन्च का हिस्सा बनने के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
तरीका
यह है रजिस्ट्रेशन का तरीका
सबसे पहले आपको ISRO की ओर से तैयार किए गए रॉकेट लॉन्च व्यूइंग रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर जाना होगा और 'क्लिक हियर फॉर रजिस्टरिंग टू विटनेस SSLV-D1 मिशन' बटन पर क्लिक करें।
अब ईमेल ID, कैप्चा, विजिटर्स की संख्या, मोड ऑफ ट्रैवल और वीइकल नंबर जैसी जानकारी देनी होगी।
पांच स्टेप्स में साइन-अप करने की प्रक्रिया शुरू करने के तीन घंटे के अंदर पूरी करनी होगी।
आखिर में सीट्स ब्लॉक हो जाएंगे और आपको तय वक्त पर श्रीहरिकोटा पहुंचना होगा।
गगनयान
इस साल गगनयान मिशन भी होगा लॉन्च
पिछले महीने ISRO ने अपने बड़े मिशन्स के लिए नई समयसीमा तय की है।
ISRO का पहला सौर और तीसरा चंद्रमा मिशन अगले साल की पहली तिमाही में लॉन्च होगा। वहीं कॉस्मिक एक्स-रेज के अध्ययन के लिए लॉन्च किया जाने वाला तीसरा साइंटिफिक मिशन भी अगले साल के लिए निर्धारित किया गया है।
गगनयान मिशन की बात करें तो उसके लिए पहला अबॉर्ट डेमोनस्ट्रेशन इसी साल के आखिर में किया जाएगा।
योजना
जल्द अंतरिक्ष यात्रियों के साथ उड़ान भरेंगे यान
गगनयान मिशन के साथ ISRO अंतरिक्ष यात्रियों को मिशन पर भेजेगी।
मिशन पर 10,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है और इसमें अंतरिक्ष यात्री लो-अर्थ ऑर्बिट में भेजे जाएंगे।
संगठन अंतरिक्ष पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए विकल्पों और क्षमताओं पर भी काम कर रहा है।
विज्ञान और तकनीक मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्पेस एजेंसी भारत में ही ऐसी क्षमता तैयार करने पर काम कर रही है, जिससे स्पेस टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
लो-अर्थ ऑर्बिट पृथ्वी की सतह से सबसे करीब मौजूद अंतरिक्ष का हिस्सा है, जो समुद्र तल से करीब 160 किलोमीटर की ऊंचाई पर मौजूद है। इसके बाद क्रम से मीडियन अर्थ ऑर्बिट, जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट और हाई-अर्थ ऑर्बिट्स आते हैं।