सरकार ने ब्लॉक किए 94 यूट्यूब चैनल्स, 19 सोशल मीडिया अकाउंट्स; फैला रहे थे फेक न्यूज
क्या है खबर?
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से साल 2021-22 में 94 यूट्यूब चैनल्स को ब्लॉक किया गया है, जिसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान सरकार की ओर से 19 सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।
सरकार ने 747 यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर्स (URLs) भी 2021-22 में ब्लॉक किए।
इन सभी के खिलाफ फेक न्यूज और अफवाहें फैलाने के चलते कार्रवाई की गई।
जवाब
राज्य सभा में पूछे गए सवाल का दिया जवाब
राज्य सभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यूट्यूब चैनल्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने से जुड़ी कार्रवाई IT ऐक्ट, 2000 के सेक्शन 69A के तहत की गई।
उन्होंने बताया कि देश की सुरक्षा और अखंडता के खिलाफ काम करने वाली एजेंसियां इंटरनेट पर फेक न्यूज और प्रोपोगंडा फैला रही हैं, जिनके खिलाफ जरूरी कार्रवाई किया जाना जरूरी है।
सेल
कोविड-19 महामारी के दौर में बनाया गया खास सेल
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी से जुड़ी फेक न्यूज फैलने के चलते प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की ओर से फैक्ट चेकिंग यूनिट का डेडिकेटेड सेल बनाया गया।
31 मार्च, 2020 को बनाए गए इस सेल का मकसद लोगों को कोविड-19 से जुड़ी सही जानकारी देना और फेक न्यूज को फैलने से रोकना था।
इस यूनिट ने 34,125 क्वेरीज पर कार्रवाई की, जिनमें से ज्यादातर कोविड-19 महामारी से जुड़ी थीं।
कार्रवाई
फेक न्यूज के खिलाफ भी की गई जरूरी कार्रवाई
PIB के फैक्ट चेक सेल ने फेक न्यूज से जुड़े पोस्ट्स के खिलाफ कार्रवाई की।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 875 पोस्ट्स के खिलाफ ऐसा ऐक्शन लिया गया।
सरकार की ओर से अकाउंट्स ब्लॉक किए जाने की जानकारी ऐसे वक्त में दी गई है, जब वह नए IT रूल्स लाना चाहती है।
सरकार चाहती है कि कंपनियों के कंटेंट मॉडरेशन से जुड़े फैसलों के रिव्यू के लिए एक पैनल तैयार किया जाए।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
सोशल मीडिया कंपनियों ने पिछले साल भारत में IT रूल्स, 2021 से जुड़े बदलाव किए हैं। हालांकि, कंटेंट मॉडरेशन से जुड़े सभी नियमों का पालन ठीक से करने को लेकर सरकार के साथ प्लेटफॉर्म्स का टकराव देखने को मिलता रहा है।
ड्राफ्ट
पिछले महीने नए नियमों का ड्राफ्ट लाई सरकार
पिछले महीने भारत के IT कानून में किए गए बदलावों का ड्राफ्ट शेयर किया गया था।
इन बदलावों में कहा गया था कि कंपनियों को 'भारत के संविधान के तहत नागरिकों को मिलने वाले अधिकारों का सम्मान' करना होगा।
नए नियमों के साथ सरकार एक पैनल सेटअप करने जा रही है, जिसके साथ कंपनियों के कंटेंट मॉडरेशन से जुड़े फैसलों वाली अपील पर सुनवाई की जाएगी।
हालांकि, इस ड्राफ्ट को फाइनल नहीं किया गया था और टाल दिया गया था।
वजह
नियमों में इसलिए बदलाव चाहती है सरकार
सरकार की कोशिश है कि सोशल मीडिया कंपनियों उनके प्लेटफॉर्म पर शेयर किए जा रहे कंटेंट के लिए जिम्मेदारी तय करें।
नियमों में कहा गया है कि सभी यूजर्स को प्राइवेसी और पारदर्शिता के साथ प्लेटफॉर्म्स का ऐक्सेस मिलना चाहिए।
सरकार चाहती है कि अकाउंट ब्लॉक करने या पोस्ट हटाए जाने जैसी स्थितियों में यूजर को सफाई देने का मौका मिले, साथ ही उसे ऐसा किए जाने की वजह साफ बताई जाए।