भारत में जुलाई के अंत में होगी 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी, केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी
देश के इंटरनेट यूजर्स के लिए राहत भरी खबर आई है। वह जल्द ही इंटरनेट की 5G सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। ये सवाएं 4G सेवाओं की तुलना में 10 गुना अधिक तेज होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को IMT/5G स्पेक्ट्रम की नीलामी करने के दूरसंचार विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें 20 वर्षों की अवधि के लिए कुल 72 गीगाहर्ट्ज से अधिक के स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी।
4G की तुलना में 10 गुना अधिक होगी रफ्तार
सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि केंद्रीय कैबिनेट ने 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दे दी है। इससे इंटरनेट यूजर्स को 4G सेवाओं की तुलना में 10 गुना अधिक तेज सेवाएं मिल सकेगी। बयान में आगे कहा गया है कि डिजिटल कनेक्टिविटी सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, मेक इन इंडिया आदि का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ब्रॉडबैंड, विशेष रूप से मोबाइल ब्रॉडबैंड नागरिकों के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गया है।
80 करोड़ ग्राहकों की है ब्रॉडबैंड तक पहुंच
सरकार की ओर से कहा गया है कि साल 2015 के बाद से देश भर में 4G सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। इसके कारण देश में डिजिटल कनेक्टिविटी काफी बढ़ गई है। आज देश में 80 करोड़ ग्राहकों की ब्रॉडबैंड तक पहुंच है। यह आंकड़ा साल 2014 में सिर्फ दस करोड़ था। सरकार ने कहा कि नए जमाने के व्यवसायों को सरकार के इस कदम से बड़ा लाभ मिलेगा और इससे अतिरिक्त राजस्व भी पैदा हो सकेगा।
जुलाई के अंत से शुरू होगी नीलामी
सरकार की ओर से कहा गया है कि 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई के आखिर से शुरू हो जाएगी। नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम की कुल कीमत 5 लाख करोड़ रुपये रखी गई है। यह नीलामी 20 वर्षों के लिए होगी। सरकार ने कहा कि नीलामी में 600, 700, 800, 900, 1,800, 2,100 और 2,300 मेगाहर्ट्ज बैंड के लो रेंज का स्पेक्ट्रम, 3300 मेगाहर्ट्ज बैंड का मध्यम रेंज का स्पेक्ट्रम और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड का हाई रेंज वाला स्पेक्ट्रम शामिल है।
नीलामी में नहीं होगी अग्रिम भुगतान की जरूरत
कैबिनेट ने आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी के माध्यम से बोलीदाताओं द्वारा प्राप्त किए जाने वाले स्पेक्ट्रम के संबंध में अलग-अलग विकल्पों का ऐलान किया है। पहली बार सफल बोलीदाताओं को अग्रिम भुगतान की जरूरत नहीं होगी और वह 20 सालों में आसान किश्तों में राशि का भुगतान कर सकेंगे। इसके अलावा बोलीदाताओं को 10 साल बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर करने का भी विकल्प दिया गया है। इससे बोलीदाताओं को बड़ी राहत मिल सकेगी।
मंत्रिमंडल ने ये भी किए हैं निर्णय
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उद्योगों में 4.0 एप्लीकेशन जैसे मशीन टू मशीन कम्यूनिकेशंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ऑटोमोटिव, हेल्थकेयर, कृषि, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में नवाचार की एक नई लहर को बढ़ावा देने के लिए निजी कैप्टिव नेटवर्क के विकास और स्थापना को सक्षम करने का भी फैसला किया है। बता दें कि इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 तक 6G सेवाएं शुरू करने की योजना बनाने की भी जानकारी दी थी।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए दूरसंचार विभाग टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) से स्पेक्ट्रम की कीमत, नीलामी के तरीके, ब्लॉक साइज, पेमेंट से जुड़े नियम व शर्तों के सुझाव मांगता है। TRAI इंडस्ट्री और इससे जुड़े दूसरे पक्षों से चर्चा करने के बाद जरूरी सुझाव DoT को देती है। DoT से जुड़ा डिजिटल कम्युनिकेशंस कमीशन (पहले टेलीकॉम कमीशन) इन सुझावों पर फैसला लेता है और आखिरी मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास जाता है।